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अस्वीकृत
Owen Jones
अचानक हेंग ली को एक अजीब सा एहसास होने लगा, तो वह एक स्थानीय ओझा से मिलने गया, जो उसकी आंटी भी लगती थी। उसने कुछ जाचें कीं और परिणाम निकाला कि हेंग में खून ही नहीं है, लेकिन वह यह उसके परिवार को कैसे बताएगी, और वे इस बारे में क्या करेंगे?
हेंग ली लाओस से काफी नजदीक, उत्तरी थाईलैंड के चियांग राई के उत्तर-पूर्वी सुदूर पहाड़ों में एक चरवाहा है। यह एक घने बुना हुआ समाज है, जहां हर कोई एक दूसरे को जानता है। अचानक हेंग बीमार हो जाता है, लेकिन इतना बीमार नहीं कि अपनी बकरियों को बाहर न ले जा सके, जब तक कि एक दिन वह स्थानीय ओझा से मिलने नहीं जाता है, क्योंकि उसे मूर्च्छा आने लगी थी। उस क्षेत्र में मेडिकल डक्टर नहीं हैं, और सदियों से यहा के अधिकतर लोगों के लिए ओझा ही पर्याप्त रहा है। ओझा कुछ नमूने लेती है और इस नतीजे पर पहुचती है कि हेंग के गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया है और उसके पास जीने के लिए बहुत थोड़ा सा समय बचा है। हेंग की ज़िंदगी बचाने की जंग जारी है, लेकिन और भी शक्तिया काम पर लगी हैं। अगर हेंग ओझा की सलाह लेगा का तो उसका, उसके परिवार का और बाक़ी समाज का क्या होगा?



1 अस्वीकृत

एक पिशाच परिवार की हास्यपूर्ण कहानी

लेखक

ओवेन जोंस
अनुवादक: मुमताज़ अज़ीज़ नाज़ाँ

कॉपीराइट ओवेन जोंस 15 मार्च, 2021

कॉपीराइट डिजाइन और पेटेंट अधिनियम 1988 की धारा 77 और 78 के अनुसार इस कार्य के अधिकार इसके लेखक के रूप में पहचाने जाने वाले ओवेन जोन्स के पास हैं। लेखक के नैतिक अधिकार सुरक्षित हैं।
कथा साहित्य के इस कार्य में, पात्र और घटनाएँ या तो लेखक की कल्पना की उपज हैं या उनका उपयोग पूरी तरह से काल्पनिक रूप से किया गया है। कुछ स्थान मौजूद हो सकते हैं, लेकिन घटनाएँ काल्पनिक हैं।
प्रकाशक
मेगन प्रकाशन सेवाएँ
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1
2 समर्पण
यह पुस्तक मेरे दोस्तों लॉर्ड डेविड प्रोसेर और मरे ब्रोमली को समर्पित है, जिन्होंने मेरी और मेरे थाई परिवार की 2013 में इतनी मदद की है जो वे कभी महसूस भी नहीं करेंगे।
इस पुस्तक का अनुवाद योरूबा में अनुवाद करने तथा पाठ के संबंध में सुझाव देने के लिए एस॰ जे॰ अगबूला का भी धन्यवाद।
कर्म सभी का उधार हर तरह से चुकाएगा।
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1 श्री ली की अवस्था
श्री ली या बूढ़ा ली, जिस नाम से उसे स्थानीय लोग जानते थे, हफ्तों से अजीब सा महसूस कर रहा था, और चूंकि स्थानीय समाज बहुत छोटा और अलग-थलग था, क्षेत्र का हर व्यक्ति उससे वाकिफ था। वह एक स्थानीय चिकित्सक के पास इसका समाधान खोजने गया, एक पुराने ढंग की चिकित्सक, कोई आधुनिक मेडिकल डॉक्टर नहीं, और उसने उसको बताया कि उसके शरीर का तापमान असंतुलित हो गया था, क्योंकि कोई चीज़ उसके रक्त को प्रभावित कर रही थी।
वह औरत, एक तांत्रिक, श्री ली की बुआ, वास्तव में अभी भी इसके कारण के बारे में बिलकुल विश्वास से कुछ नहीं कह सकती थी। लेकिन उसने वादा किया कि वह इसके बारे में चौबीस घंटे में पता लगा लेगी, बशर्ते कि उसको कुछ नमूने उपलब्ध कराये जाएँ और जब वह बुलाए तब वह वापस आए। उसने श्री ली को काई का एक गुच्छा और एक पत्थर दिया।
वह जानता था कि क्या करना है, क्योंकि वह इसे पहले भी कर चुका था, तो उसने काई पर पेशाब किया और पत्थर पर गहरी चोट करने के बाद उस पर थूक दिया। उसने श्रद्धा भाव से वे उसे वापस कर दिये, और इस सावधानी के साथ कि कहीं वह नंगे हाथों से छू कर उन्हें दूषित न कर दे, उस ने उन्हें अलग अलग केले की पत्तियों में लपेट दिया, ताकि उनकी नमी, जितनी देर तक हो सके, बनी रहे।
“उन्हें सड़ने और सूखने के लिए एक दिन का समय दो, फिर मैं उनका बारीकी से निरीक्षण करूंगी और पता लगाऊँगी कि तुम्हारे साथ समस्या क्या है।”
“धन्यवाद बुआ डा, मेरा मतलब है तांत्रिक डा। मैं आपके बुलावे का इंतज़ार करूंगा और जैसे ही आप मुझे बुलाएंगी, मैं हाजिर हो जाऊंगा।”
“तुम यहीं इंतज़ार करो, बेटे, अभी मैं ने बात खत्म नहीं की है।”
डा अपने पिछवाड़े की ओर गई और अलमारी से एक मिट्टी का मर्तबान उठाया। उसने उसे खोला, उसमें से दो घूंट भरे और आखिरी वाला बूढ़े ली पर थूक दिया। जब डा अपने देवताओं से प्रार्थना कर रही थी, श्री ली सोच रहे थे कि वह “पवित्रीकरण” के बारे में भूल गई है – उसे खुद पर किसी के थूकने से नफरत थी, खास कर के सड़े हुए दांतों वाली बूढ़ी औरतों के।
“जब तक हम तुम्हारा मामला सुलझा नहीं लेते, यह शराब की फुहार और प्रार्थना तुम्हें काबू में रखेगी।” उसने उसे भरोसा दिलाया।
तांत्रिक डा अपने चिकित्सकीय मंदिर की कच्ची ज़मीन से अपने पद्मासन से उठ खड़ी हुई, उसने अपनी बांह अपने भतीजे के गले में डाली, और सिगरेट को घुमाते हुए उसे साथ ले कर बाहर आ गई।
बाहर आ कर उसने उसे सुलगाया, एक गहरा कश लिया और धुएँ को अपने फेफड़ों में भरता हुआ महसूस किया।
“तुम्हारी वह बीवी और प्यारे बच्चे कैसे हैं?”
“ओह, वे ठीक हैं, बुआ डा, लेकिन मेरे स्वास्थ्य को लेकर थोड़े चिंतित हैं। मैं कुछ दिन से थोड़ा बीमार महसूस कर रहा हूँ और आप तो जानती ही हैं, मैं अपने पूरे जीवन में कभी बीमार नहीं पड़ा हूँ।”
“नहीं, हम ली लोग बहुत मजबूत होते हैं। तुम्हारे पिता, मेरे प्यारे भाई, भी अगर फ्लू से मर न गए होते, तो अब तक अच्छे-भले होते। वह भैंसे की तरह मजबूत थे। तुम चाहे जितनी कोशिश करो, लेकिन उसे कभी गोली नहीं लगी। मुझे लगता है, उसी चीज़ ने तुम्हें पकड़ लिया है, वही यांकी गोली।”
“श्री ली इससे पहले भी इससे हजारों बार दो-चार हुआ था, लेकिन वह बहस में जीत नहीं सकता था, तो उसने सिर्फ हाँ में सिर हिलाया, अपनी बुआ को एक पचास बहत का नोट दिया और अपने खेत में बने घर लौट आया, जो गाँव के बाहर वहाँ से कुछ सौ गज की दूरी पर ही था।”
वह पहले ही बेहतर महसूस कर रहा था, तो सब के सामने यह साबित करने के लिए वह जोशीली चाल से चला।
बूढ़ा ली अपनी बूढ़ी बुआ डा पर पूरा विश्वास करता था, जैसा कि उसके समाज में सभी लोग करते थे, यह एक छोटा सा गाँव था, जिसमें कुछ पाँच सौ मकान और गाँव के बाहर कुछ दर्जन खेत थे। जब वह छोटा बच्चा था, तभी उसकी बुआ डा ने गाँव के ओझा की जगह संभाल ली थी, और ऐसे कुछ दर्जन लोग ही रहे होंगे, जिन्हें उसके पहले वाले ओझा की याद होगी। उनके बीच उनका अपना कोई विश्वविद्यालय का डिग्री याफ़्ता डॉक्टर नहीं था।
ऐसा नहीं था कि किसी फिजीशियन तक गाँव वालों की पहुँच नहीं थी, लेकिन वे बहुत कम और बहुत दूर थे – सबसे पास का स्थायी डॉक्टर शहर में था,जो पिचहत्तर किलोमीटर दूर था और थाईलैंड के उत्तरपूर्वी कोने के शिखर पर मौजूद उस पहाड़ पर, जहां वे रहते थे, कोई बसें, टैक्सियाँ या ट्रेनें नहीं चलती थीं। इसके अलावा, डॉक्टर महंगे थे और महंगी दवाइयाँ लिखते थे, जिससे, हर किसी का मानना था कि वे मोटी दलाली कमाते थे। कुछ गावों के आगे जा कर भी एक दवाखाना था, लेकिन यहाँ केवल एक पूरे समय की नर्स और एक थोड़े समय काम करने वाला डॉक्टर था, जो वहाँ पखवाड़े में एक बार आता था।
श्री ली के जैसे गाँव वाले सोचते थे कि वे शायद अमीर शहरी लोगों के लिए अच्छे थे, लेकिन उनकी पसंद की कोई ज़्यादा अहमियत नहीं थी। कैसे एक किसान सारा दिन के लिए खेत के काम से छुट्टी ले कर और किसी को मय उसकी कार के किराये पर ले कर डॉक्टर से मिलने जा सकता था? और वह भी तब, जब किसी के पास कार होती, हालांकि वहाँ 10 किलोमीटर के दायरे में कुछ पुराने ट्रैक्टर ज़रूर थे।
नहीं, उसने सोचा, उसकी बुआ किसी के भी लिए काफी है और वही उसके लिए भी काफी है। और इसके अलावा, जब तक समय नहीं आ जाता था, वे किसी को मरने नहीं देती थीं और निश्चित रूप से उन्होंने किसी का खून नहीं किया था, कोई भी इस बात पर क़सम खा सकता था।
कोई भी।
श्री ली को अपनी बुआ पर बहुत गर्व था, और कुछ भी हो, वहाँ आसपास मीलों तक उनका कोई विकल्प भी नहीं था, और निश्चित रूप से उनके जैसा अनुभवी और कोई था भी नहीं – उनके जैसा….? हाँ तो, कोई भी नहीं जानता था की वास्तव में उनकी उम्र कितनी है, वह खुद भी नहीं, लेकिन शायद 90 वर्ष तक होगी।
श्री ली यही सब सोचते हुए घर के सामने के आँगन तक पहुँच गए थे। वह इस मामले पर अपनी बीवी से बात करना चाहते थे, क्योंकि हालांकि वह बाहरी दुनिया में अपने परिवार के बॉस के रूप में दिखाई देता था, जैसा कि हर दूसरे परिवार के साथ होता है, लेकिन वह केवल दिखावा था, क्योंकि वास्तव में, हर निर्णय पूरे परिवार द्वारा मिल कर या कम से कम सभी वयस्कों द्वारा लिया जाता था।
यह काफी महत्वपूर्ण दिन था, क्योंकि श्री ली पहले कभी ऐसे संकट में नहीं फंसे थे और उनके दो बच्चे, जो अब बच्चे बिलकुल नहीं रहे थे, उनको भी अपनी बात रखने की अनुमति मिलनी चाहिए थी। इतिहास बनने ही वाला था, और श्री ली को इसकी खूब खबर थी।
“मॅड” उसके पुकारा, उसका अपनी बीवी को दिया हुआ प्यार का नाम, तब से जब उनका पहला बच्चा ‘माँ’ कहना भी नहीं जानता था। “मॅड, क्या तुम वहाँ हो?”
“हाँ, मैं यहाँ पिछवाड़े में हूँ।”
ली ने कुछ पल उसके टॉइलेट से बाहर आने का इंतज़ार किया लेकिन घर के अंदर गर्मी और उमस थी, तो वह वापस बाहर के आँगन में आ गया और अपनी घास की छत वाली बड़ी सी पारिवारिक मेज़ पर बैठ गया, जहां पूरा परिवार खाना खाता था, और फुर्सत के समय बैठा करता था।
श्रीमती ली का असल नाम वान था, हालांकि उसका पति प्यार से उसे मॅड बुलाता था, जब से उसके बड़े बेटे ने उसे ऐसे बुलाया था, और यह नाम श्री ली की ज़ुबान पर चढ़ गया था, लेकिन उनके किसी बच्चे की ज़ुबान पर नहीं। वह बान नोई गाँव से आई थी, जहां से ली खुद भी था, लेकिन उसका परिवार और कहीं से नहीं था, जबकि मिस्टर ली का परिवार दो पीढ़ियों पहले चीन से आया था, हालांकि वह घरेलू शहर भी यहाँ से अधिक दूर नहीं था।
वह बिलकुल क्षेत्र की औरतों की जैसी थी। अपने दिनों में वह बहुत प्यारी लड़की थी, लेकिन उन दिनों लड़कियों को अधिक अवसर नहीं दिये जाते थे और न वे महत्वाकांक्षी होने की हिम्मत कर सकती थीं, न यह चीज़ बीस सालों बाद भी उसकी बेटी के बारे में अधिक बदली थी। श्रीमती ली ने स्कूल छोड़ने पर एक पति की तलाश की थी, इसलिए जब हेंग ली ने उसका हाथ मांगा था और उसके माता-पिता को अपने बैंक में मौजूद मुआवजे के पैसे दिखाए थे, तो उसने सोचा था कि वह किसी अन्य स्थानीय लड़के की तरह ही एक अच्छा रिश्ता है, जिनके उसे मिलने की संभावना थी। न तो उसे अपने दायरे को बढ़ाने के लिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भाग कर किसी बड़े शहर जाने की इच्छा थी।
वह भी अपने तरीके से हेंग ली से प्यार करने लगी थी, हालाँकि उसके छोटे से प्रेम जीवन में से गर्माहट काफी पहले ही विदा हो चुकी थी, और वह अपनी पारिवारिक कंपनी में पत्नी की तुलना में अब एक बिज़नेस पार्टनर के रूप में अधिक थी, जो उनके आपसी जीवन और उनके दो बच्चों के लिए समर्पित थी।
वान का कभी कोई प्रेमी नहीं था, हालांकि उसे अपने विवाह के पहले और बाद में प्रस्ताव तो काफी मिले। उस समय, वह नाराज हो गई थी, लेकिन अब जब वह अपने उन क्षणों को देखती थी, तो एक कोमलता अनुभव करती थी। ली उसका पहला और एकमात्र, और अब निश्चित रूप से उसका आखिरी प्यार था, लेकिन उसे इस बात का कोई पछतावा नहीं था।
अब उसका एकमात्र सपना अपने पोते-पोतियों को देखना और उनकी देखभाल करना था, जिन्हें उसके बच्चे निश्चित रूप से सही समय पर पैदा करते, हालांकि वह उन्हें नहीं चाहती थी, खासकर उसकी बेटी, जैसे उसने जल्दबाज़ी में शादी की थी। वह जानती थी कि उसके बच्चों को यदि वे सक्षम हुए तो बच्चे होने उतने ही निश्चित थे, जितना सूरज का पूर्व में निकलना। तो उनके बच्चे भी सुनिश्चित होंगे, क्योंकि वे सक्षम थे, क्योंकि यह उनके बुढ़ापे में अपने लिए कुछ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और परिवार की स्थिति विकसित करने का एकमात्र तरीका था।
श्रीमती ली परिवार, हैसियत और प्रतिष्ठा की परवाह करती थी, लेकिन अब जो उसके पास था उसके अलावा उसे किसी और भौतिक चीज़ की कोई कामना नहीं थी। वह उन चीजों के बिना रहने की इतनी आदी हो चुकी थी की अब वे उसके लिए कोई मायने नहीं रखती थीं।
कम से कम कहने को उसके पास पहले से ही एक मोबाइल फोन और एक टेलिविजन था, लेकिन सिग्नल खराब आता था, और सिवा इस बात की प्रतीक्षा करने के, कि सरकार आसपास के स्थानीय ट्रांसमीटरों को बदले, जो अभी नहीं तो किसी न किसी दिन तो होना ही था, इस बारे में वह कुछ भी नहीं कर सकती थी। उसे कार नहीं चाहिए थी, क्योंकि वह कहीं जाना ही नहीं चाहती थी और इसके अलावा सड़कें भी कोई बहुत अच्छी नहीं थीं।
हालांकि बात सिर्फ इतनी सी ही नहीं थी, उसकी उम्र और उस जगह के लोग बरसों से कार को अपनी पहुँच से इतने बाहर की चीज़ समझते थे कि उन्होंने दहाईयों पहले उसकी कामना करना छोड़ दिया था। दूसरे शब्दों में, वह साइकिल और पुरानी मोटरसाइकिल से संतुष्ट थी, जिन्हें मिला कर उसके परिवार का परिवहन बेड़ा बनता था।
न तो श्रीमती ली को सोने और बढ़िया कपड़ों की चाहत रही थी, क्योंकि एक किसान की आमदनी में दो बच्चों की परवरिश की हक़ीक़त ने कई सालों पहले ही उसके दिल से यह चाहत निकाल दी थी। इस सब के बावजूद श्रीमती ली एक खुश औरत थी, जो अपने परिवार के साथ रहती थी, और जो भूल चुकी थी कि वह कौन है और कहाँ से है, जब तक कि बुद्ध उसे किसी दिन दोबारा घर आने का बुलावा न भेज दें।
श्री ली अपनी बीवी को अपनी ओर आते देख रहा था, वह अपने सरोंग के नीचे किसी चीज़ को व्यवस्थित करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन बाहर से – कुछ था, जो सही बैठ नहीं रहा था, उसने मान लिया था, लेकिन कभी पूछा नहीं। वह मेज़ के किनारे पर बैठ गई और अपने पैरों को ऐसे झुलाने लगी जैसे कोई जलपरी डैनिश चट्टान पर बैठी हो।
“अच्छा, उस बूढ़ी डायन ने क्या कहा?”
“ओह, छोड़ो भी मॅड, वह इतनी बुरी भी नहीं है। अच्छा, तुम और वह इस पर कभी एक नहीं होते, लेकिन कभी-कभी यह ऐसे ही चलता है, नहीं? उसने कभी तुम्हारे बारे में कोई बुरी बात नहीं कही, क्यों? केवल तीस मिनट पहले वह तुम्हारे स्वास्थ्य के बारे में पूछ रही थी….और बच्चों के।”
“तुम भी कभी कभी कैसी मूर्खता की बातें करते हो, हेंग। जब उसके आसपास लोग उसे सुन रहे होते हैं तो वह मुझ से मेरे बारे में अच्छे से बात करती है, लेकिन जब कभी भी हम अकेले होते हैं, वह मुझसे कचरे के जैसा बर्ताव करती है, और हमेशा करती रही है। वह मुझसे नफरत करती है, लेकिन वह इतनी कुटिल है कि वह तुम्हें यह पता नहीं चलने देगी, क्योंकि वह जानती है कि तुम मेरा पक्ष लोगे, उसका नहीं। तुम मर्द लोग सोचते हो कि दुनिया में तुम्हीं सबसे बुद्धिमान हो, लेकिन तुम्हें इसकी खबर नहीं होती है कि तुम्हारी नाक के नीचे क्या चल रहा है।”
“उसने हर तरह की चीजों के लिए कई वर्षों से और कई बार हमेशा मुझे ही दोषी ठहराया है… जैसे कि घर साफ न रखना, बच्चों को नहीं नहलाना और एक बार तो उसने मुझसे यह तक कहा था कि मेरे भोजन में ऐसी गंध आती है, जैसे मैंने महक के लिए उसमें बकरी की लेंडी का इस्तेमाल किया हो!”
“बाह, तुम इसका आधा हिस्सा भी नहीं जानते हो, लेकिन तुम मुझ पर विश्वास नहीं करते, है ना, अपनी पत्नी पर? हां, तुम मुस्कुरा सकते हो, लेकिन मैं तुमको बता दूं, मेरे लिए पिछले तीस वर्षों का यह अनुभव बहुत मज़ेदार नहीं रहा है। वैसे, उस ने क्या कहा?”
“कुछ नहीं, सच में, उसने केवल जांच की, तो उसका वही पुराना ढंग है। तुम जानती हो, थोड़े शैवाल पर पेशाब करना, एक पत्थर पर थूकना और फिर उसका तुम पर अपने बूढ़े दांतों वाले मुंह से एल्कोहल की फुहार छोडना। मुझे उसके बारे में सोच कर ही झुरझुरी आ जाती है। उसने कहा कि वह मुझसे कल बात करेगी, तब वह मुझे इसका परिणाम बताएगी।
बच्चे कहाँ हैं? क्या इस पारिवारिक चर्चा में भाग लेने के लिए उन्हें यहाँ नहीं होना चाहिए था?”
“मुझे ऐसा नहीं लगता, सच में नहीं। आखिर हम अभी कुछ भी नहीं जानते हैं, है ना? या तुम्हें कुछ समझ में आ रहा है?”
“नहीं, सच में नहीं। मैं ने सोचा कि मुझे उस चीनी लड़की से मालिश करानी पड़ेगी….हो सकता है कि अगर मैं उससे मेरे साथ थोड़ा नरमी बरतने को कहूँ तो शायद उससे कुछ फायदा हो। उसने यह हुनर उत्तरी थाईलैंड में सीखा था और वह थोड़ी कठोर हो सकती है, है ना….जैसा वे कहते हैं। तुम जानती हो, खास कर के मेरे अंदर की बीमारी, जैसी है। हालांकि शायद थोड़ी नर्म रगड़ाहट से उसमें लाभ होगा….तुम्हें क्या लगता है मेरी जान?”
“हाँ, मैं जानती हूँ, नर्म रगड़ाहट से तुम्हारा क्या मतलब है। अगर ऐसा है, तो तुम अपने अंकल से ऐसा करने को क्यों नहीं कहते? एक जवान औरत का चुनाव क्यों करना?”
“तुम जानती हो कि क्यों, मुझे अपने ऊपर आदमियों के हाथ नहीं पसंद हैं, मैं यह पहले भी कह चुका हूँ, लेकिन ठीक है, अगर तुम्हें अच्छा नहीं लगता तो मैं मालिश नहीं कराऊंगा।”
“देखो, मैं यह नहीं कह रही कि तुम नहीं जा सकते! और अगर तुम जाना ही चाहते हो तो मैं तुम को किसी तरह रोक नहीं पाऊँगी! हालांकि, जैसा तुम ने कहा, लोग कहते हैं कि वह थोड़ी कठोर है, तो वह फायदे से अधिक नुकसान पहुंचा सकती है। मैं समझती हूँ कि वहाँ न जाना बुद्धिमानी होगी, जब तक हम तुम्हारी बुआ से कारण न जान लें, बस।”
“हाँ, ठीक है। शायद तुम ठीक कह रही हो। तुम ने बताया नहीं कि बच्चे कहाँ हैं?”
“मुझे सच में नहीं पता है, मुझे लगता है कि अब तक उन्हें वापस आ जाना चाहिए था….वे सप्ताहांत पर एक साथ किसी जन्मदिन की पार्टी में गए थे।”
ली के दो बच्चे थे, प्रत्येक का एक, और वे खुद को उनके लिए भाग्यशाली मानते थे, क्योंकि उनके बेटे के गर्भ में आने से पहले वे 10 साल तक गर्भाधान के लिए प्रयास करते रहे थे। वे अब बीस और सोलह साल के थे, तो श्री और श्रीमती ली ने अन्य बच्चों की उम्मीद पहले ही छोड़ दी थी।
उन्होंने काफी पहले ही प्रयास करना भी बंद कर दिया था।
हालांकि वे अच्छे, आदर करने वाले और आज्ञाकारी बच्चे थे और उन्होंने अपने माता पिता को गर्व महसूस कराया था, या कम से कम जो उनके माता-पिता उनके बारे में जानते थे, उसपर वे गर्व करते थे, क्योंकि वे भी अन्य शिष्ट बच्चों की तरह ही थे: नव्वे प्रतिशत अच्छे, लेकिन उत्पात भी कर सकते थे, और उनके गुप्त विचार भी थे, जिन्हें वह जानते थे कि उनके माता-पिता कभी स्वीकृत नहीं करेंगे।
कुमार ली, बेटा, डेन या छोटा ली, अभी अभी बीस वर्ष का हुआ था, और उसे स्कूल से निकले अभी दो साल हुए थे। वह अपनी बहन को पसंद करता था, उसका बचपन खुशहाल रहा था, लेकिन यह हक़ीक़त उस पर सुबह की तरह ज़ाहिर थी कि उसके पिता ने उसके लिए एक बहुत ही मुश्किल जीवन की योजना बनाई थी, ऐसा नहीं था कि उसने जीवन भर स्कूल के पहले और बाद में भी काम नहीं किया था। हालांकि, फुटबॉल और टेबल टेनिस के लिए वह समय निकाल लेता था और तब स्कूल में लड़कियां नाचती थीं।
यह अब समाप्त हो गया था और कभी-कभी उसके जीवन में यौनसंसर्ग की संभावनाएं बनी थीं। ऐसा नहीं था कि इस बारे में डींगें मारने के लिए बहुत कुछ था, सिर्फ कभी कोई चुंबन और यहां तक कि कभी-कभी एक दूसरे को टटोल लेना, लेकिन अब लगभग दो साल से वह भी नहीं था। अगर डेन को ज़रा भी अंदाज़ा होता कि वहाँ जा कर क्या करना है, तो वह तुरंत ही किसी शहर की ओर चला गया होता, लेकिन अक्सर सेक्स करने के अलावा उसकी और कोई भी महत्वाकांक्षा नहीं थी।
उसके हॉरमोन उसके अंदर इस हद तक तूफान उठाए थे कि कभी-कभी उसे बकरियाँ भी बहुत आकर्षक लगती थीं, उसकी चिंताओं का कोई अंत नहीं था।
अपने अंदर गहराई में कहीं उसे महसूस होता था कि यदि उसे किसी औरत से नियमित रिश्ता रखना है तो उसे शादी करनी पड़ेगी।
शादी, बच्चे पैदा करने की कीमत पर भी उसे आकर्षक लगने लगी थी।
कुमारी ली, जिसे अक्सर डिन के नाम से जाना जाता था, सोलह साल की बहुत ही प्यारी लड़की थी। जिसने गर्मियों में स्कूल छोड़ा था, उसने अपने भाई से दो साल कम पढ़ाई की थी, जो उनके क्षेत्र में काफी सामान्य बात थी। इसलिए नहीं कि उसका दिमाग कम उज्ज्वल था, बल्कि इसलिए कि माता-पिता और लड़की, दोनों मानते थे, कि वह अपना परिवार जितनी जल्दी शुरू करेगी, उतना ही अच्छा होगा। लड़की के लिए बीस वर्ष से कम उम्र में पति मिलना उम्र अधिक हो जाने की बनिस्बत आसान भी होता था। डिन ने अपनी माँ की आशंकाओं के बावजूद इस पारंपरिक ज्ञान को बिना कोई सवाल किए स्वीकार कर लिया था।
उसने भी अपने पूरे जीवन में स्कूल के पहले और बाद में काम किया था और संभवतः वह अपने भाई से अधिक मेहनती थी, हालांकि उसने कभी भी इस का एहसास नहीं किया, क्योंकि आसपास की हर जगह लड़कियां वस्तुतः बंधुआ मजदूर थीं।
हालांकि डिन की कुछ कल्पनाएँ थीं। वह रोमांटिक रिश्तों का सपना देखती थी, जिनमें उसका प्रेमी उसे भगा कर बैंकॉक ले जाता था, जहां वह डॉक्टर बन जाता था और वह अपनी सहेलियों के साथ पूरा दिन शॉपिंग में बिताती थी। उसके हॉरमोन भी उसे परेशान कर रहे थे, लेकिन उसकी स्थानीय संस्कृति उसे खुद से भी यह स्वीकार करने से रोकती थी। उसका पिता, भाई और यहाँ तक कि माँ भी अगर परिवार के बाहर के किसी भी लड़के से उसे मुसकुराते हुए भी देख लेते तो संभवतः उसे कहीं छुपा देते।
वह यह भी जानती थी, और उसने इसे भी बिना कोई सवाल किए स्वीकार कर लिया था।
अब उसकी एक पति की तलाश शुरू करने की योजना थी, एक ऐसा काम जिसके लिए उसकी माँ पहले ही सहायता का प्रस्ताव रख चुकी थी, क्योंकि दोनों ही ली महिलाएं जानती थीं कि परिवार के लिए कोई शर्मिंदगी का अवसर आने से पहले जितनी जल्दी से जल्दी हो सके, यह पूर्ण हो जाना चाहिए।
कुल मिला कर ली उस स्थान के अनुसार विशिष्ट परिवार था, और वे इसका खुशी खुशी निर्वहन कर रहे थे। भले ही उनके दोनों बच्चों ने बड़े शहर में भागने के सपने को पाला था, लेकिन वे स्थानीय अवरोधों के भीतर अपने जीवन के साथ आगे बढ़ रहे थे और उसे ही सही और उचित समझ रहे थे। समस्या यह थी कि सदियों से पहाड़ी लोक से बंधी महत्वाकांक्षा की कमी ने उन्हें काफी पीछे छोड़ दिया था, जो सरकार के लिए एक अच्छी बात थी, अन्यथा देश के सभी युवा बहुत पहले ही गाँव से ग़ायब हो कर बैंकॉक और वहां से विदेश चले गए होते, ताइवान और ओमान जैसे देश, जहां की बेहतर मजदूरी और कठोर सहकर्मी दबाव से मुक्ति आकर्षक थी।
हालांकि कई जवान लड़कियों ने बैंकॉक का दौरा किया था। उनमें से कुछ को शालीन नौकरी मिल गई थी, लेकिन कई का अंत बड़े शहरों के यौन उद्योग में जा कर हुआ था, जहां से कुछ को और आगे, यहाँ तक कि एशिया के बाहर भी भेज दिया जाता था। युवा लड़कियों को उस रास्ते पर ले जाने से रोकने के लिए इस बारे में कई डरावनी कहानियाँ प्रचलित थीं और उन्होंने डिन और उसकी माँ पर समान रूप से प्रभाव डाला था।
श्री ली को अपना जीवन पसंद था और अपने परिवार से प्यार था, हालांकि यह घर की सीमाओं के बाहर स्वीकार करने की चीज़ नहीं थी, और वह उन्हें किसी बीमारी के लिए खोना नहीं चाहता था जो कि उसमें तब बननी शुरू हुई होगी, जब वह अभी भी केवल एक बालक था।
बूढ़ा श्री ली (हालाँकि उसे पता था कि गाँव के कुछ कम सम्मान देने वाले युवा उसे बूढ़ा बकरा ली कहते थे) अपनी युवावस्था में एक आदर्शवादी था और उसने स्कूल से निकलते ही नॉर्थ वियतनाम की ओर से लड़ने के लिए अपना नाम दर्ज कराया था। वह ठीक लाओस के साथ लगी सीमा पर रहता था, जहां से उत्तरी वियतनाम बहुत दूर नहीं था, और वह उन बमों के बारे में जानता था जो अमेरिकियों ने वहां और लाओस पर गिराए थे और वह इसे रोकने के लिए अपनी शक्ति भर प्रयास करना चाहता था।
जैसे ही उन्होंने उसे सम्मिलित किया, वह साम्यवादी अभियान में शामिल हो गया था और युद्ध प्रशिक्षण के लिए वियतनाम चला गया था। जिन लोगों के साथ वह प्रशिक्षण ले रहा था, उनमें से कई उसके ही जैसे थे, चीनी मूल के, लेकिन विदेशी शक्तियों से तंग आकर अपने देशवासियों के भविष्य के लिए हस्तक्षेप करने को विवश। वह समझ नहीं पा रहा था कि हजारों मील दूर रहने वाले अमेरिकियों को परवाह क्यों थी कि दुनिया के उनके छोटे से हिस्से में सत्ता में कौन था। उसने कभी चिंता नहीं की थी कि वे किस राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं।
हालांकि, जैसा कि भाग्य में था, उसे कभी भी गुस्से में गोली चलाने का मौका नहीं मिला, क्योंकि प्रशिक्षण शिविर से बाहर आने के पहले ही दिन, जब उसे शिविर से लड़ाई के क्षेत्र में ले जाया जा रहा था, वह एक अमेरिकी बम के छर्रे की चपेट में आ गया था। उसके घाव बहुत दर्दनाक थे, लेकिन जानलेवा नहीं थे, हालांकि वे उसे अस्पताल से बाहर निकलने के बाद सेना से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त थे। उसे सबसे बड़ा टुकड़ा ऊपरी बाएँ पैर में लगा था, लेकिन कुछ छोटे-छोटे टुकड़े उसके पेट में भी लगे थे, जो अब उसे लग रहा था कि उसकी बेचैनी का स्रोत हो सकते थे। यह भी अफवाह थी कि उसे गोली मार दी गई थी।
वह एक खराब लंगड़ाहट और एक छोटा खेत खरीदने के लिए पर्याप्त मुआवजे के साथ घर लौटा था, लेकिन क्योंकि उसका पैर खराब हो गया था, इसलिए इसके बजाय उसने एक खेत और बकरियों का झुंड खरीदा था और उनका प्रजनन करा कर उन्हें बेचने लगा था। उसकी वापसी के एक साल के भीतर, उसका पैर उतना ही अच्छा हो गया, जितना कि वह पहले कभी था और उसने एक सुंदर स्थानीय लड़की से शादी कर ली थी, जिसे वह जानता था और अपने पूरे जीवन काल में उसका प्रशंसक रहा था। वह भी एक किसान पृष्ठभूमि से थी, और वह एक खुशहाल, लेकिन अल्प अस्तित्व में आकर बस गई।
तब से रविवार को छोड़कर, सप्ताह के हर दिन, श्री ली अपने झुंड को चराने के लिए ऊपरी ज़मीनों पर ले जाता था, और गर्मियों में, वह वहां अक्सर एक पड़ाव में रात गुजारता, जो उसने यहाँ वहाँ बना रखे थे, जिसे बनाना उसने सेना में सीखा था। वह उस समय को अच्छे दिनों की तरह उदासी के साथ याद करता था, जैसे खुशहाल दिन, हालाँकि उस समय उसने उन्हें ऐसा नहीं समझा होगा।
पहाड़ों में केवल पुरुषों को छोड़कर और कोई भी शिकारी नहीं था, क्योंकि सभी बाघों को चीनी दवा उद्योग में उपयोग के लिए बहुत पहले ही मार दिया गया था। श्री ली की उस बारे में मिश्रित भावनाएँ थीं। एक ओर वह जानता था कि यह एक शर्म की बात है, लेकिन दूसरी तरफ वह हर रात अपनी बकरियों को बाघों के झपट्टे से बचाने का इच्छुक नहीं था। अब हफ्ता पंद्रह दिन से बीमारी ने उसे घर बैठा दिया था, लेकिन वह लगभग तीस वर्षों तक एक चरवाहा रहा था, इसलिए वह पहाड़ों को उतनी ही अच्छी तरह जानता था, जितनी अच्छी तरह ज्यादातर लोग अपने स्थानीय पार्क को जानते थे।
वह जानता था कि बारूदी सुरंगों और कुचला सत, जो सत्तर के दशक में अमेरिकियों ने वहाँ गिराए थे, से बचने के लिए किस क्षेत्र से बच कर निकला जाए, और वह जानता था कि किन क्षेत्रों को साफ किया जा चुका था, हालांकि सैपर से एक या दो स्थान चूक गए थे, जिनमें से एक उसकी बकरियों ने अभी केवल महीना भर पहले ही खोजा था। यह उसके लिए शर्म की बात थी, हालांकि उसका मृत शरीर बेकार नहीं गया था और उसका अंत जल्दी ही आ गया था, जब एक लुढ़कते हुए पत्थर ने एक बारूदी सुरंग को ट्रिगर किया था और आकाश की ओर उड़ा दिया था, जिसके साथ उसका सिर भी साफ हो गया था।
उसके शव को घर ले जाने के लिए दूरी काफी अधिक थी, इसलिए श्री ली ने कुछ दिन पहाड़ों में उसको खाते हुए बिताए, जबकि उनका परिवार खेत में उनके बारे में चिंतित था।
श्री ली एक संतुष्ट व्यक्ति थे। उन्होंने अपने काम और बाहरी जीवन का आनंद लिया, और उन्होंने लंबे समय तक इस तथ्य के साथ सामंजस्य बिठाया कि वह कभी अमीर नहीं होंगे या फिर कभी विदेश नहीं जाएंगे। इस कारण से, वह और उसकी पत्नी अब केवल दो बच्चे होने से खुश थे। वह उन दोनों को समान रूप से प्यार करता था और उनके अच्छे भविष्य की कामना करता था, लेकिन वह इस बात से भी खुश था कि उन्होंने स्कूल छोड़ दिया था जिससे वे खेत पर पूरा समय काम कर सकते थे, जहां उनकी पत्नी जड़ी-बूटियां और सब्जियां उगाती थी और तीन सूअर और कुछ दर्जन मुर्गियां रखे थी।
श्री ली सोचते थे कि अतिरिक्त मदद से वह अपने खेत का कितना विस्तार कर सकते हैं। शायद वे एक दर्जन और मुर्गियों, कुछ अतिरिक्त सूअरों और शायद मीठे भुट्टे के खेत उगा सकते थे।
वह अपनी दिवास्वप्न से जाग गया, “क्या होगा अगर यह कोई गंभीर बात हुई, मॅड?” मैंने पहले इसका उल्लेख नहीं किया था, लेकिन मैं इस सप्ताह दो बार बेहोश हुआ और दो या तीन बार इसके पास आया।”
“तुमने मुझे यह पहले क्यों नहीं बताया?”
“बस, तुम जानती हो, मैं नहीं चाहता था कि तुम चिंता करो और तुम इसके बारे में कुछ कर भी नहीं सकती, है ना?”
“नहीं, व्यक्तिगत रूप से नहीं, लेकिन मैं तुमको पहले तुम्हारी बुआ के पास ले गई थी और शायद तुमको एक मेडिकल डॉक्टर को दिखाने की कोशिश करती।”
“अ, तुम मुझे जानती हो, मॅड। मैंने कहूँगा, इतने सारे पैसे खर्च करने से पहले, चलो इंतजार करते हैं कि बुआ क्या कहती है। मुझे मानना होगा कि मुझे कभी-कभी बेहद अजीब महसूस होता है और मैं इस बात से थोड़ा डर गया हूं कि बुआ कल क्या कहेंगी।”
“हाँ, मैं भी। क्या तुम सच में इतना बुरा महसूस करते हो?”
“कभी-कभी, लेकिन मुझमें अब कोई ऊर्जा बाक़ी नहीं बची है। मैं बकरियों के साथ दौड़ने और कूदने में सक्षम हुआ करता था, लेकिन अब मैं बस उन्हें देखने से भी थक जाता हूं!
“कुछ तो है, मुझे यकीन है।”
“देखो, पा,” जो उसका अकल्पनीय प्यार का नाम था, जिसका मतलब थाई में ‘डैड’ था, “बच्चे गेट पर हैं। क्या तुम उन्हें अभी यह बताना चाहते हो?”
“नहीं, तुम सही हो, उन्हें अभी से चिंता में क्यों डालें, लेकिन मुझे लगता है कि बुआ मेरे लिए कल दोपहर को बुलावा भेजेगी, इसलिए उन्हें बता दो कि हम चाय के समय एक पारिवारिक बैठक कर रहे हैं और उन्हें वहाँ रहना होगा।”
मुझे लगता है कि मुझे बिस्तर पर जाना चाहिए, मुझे फिर से थकान महसूस हो रही है। बुआ के थूक ने मुझे कुछ समय के लिए राहत दी थी, लेकिन इसको काफी समय हो गया। उन्हें बता दो कि मैं ठीक हूँ, लेकिन डेन से कहो कि कल मेरी खातिर बकरियों को बाहर ले जाए, क्या तुम कह दोगी? उसे उन्हें ज़्यादा दूर ले जाने की आवश्यकता नहीं है, केवल नीचे धारा के पास तक, ताकि वे नदी के कुछ शैवाल खा सकें और पानी पी सकें….. इससे एक या दो दिन तक उन्हें तकलीफ नहीं होगी।
जब तुम्हें दस मिनट का समय मिले तो क्या तुम मेरे लिए अपनी विशेष चाय बना दोगी, प्लीज़? वही अदरक, सौंफ और बाक़ी…..वह मुझे थोड़ी ताकत देगी…. ओह, और कुछ खरबूजे या सूरजमुखी के बीज….शायद तुम डिन से उन्हें मेरे लिए कूटने को कह सकती हो?
“एक मग सूप के बारे में क्या खयाल है? यह तुम्हें पसंद है…..”
“हाँ ठीक है, लेकिन अगर मैं सो जाऊँ तो बस इसे मेज़ पर रख देना और मैं इसे बाद में ठंडा पी लूँगा।”
“हैलो बच्चों, आज मैं जल्दी सोने जा रहा हूँ, लेकिन मैं नहीं चाहता कि तुम चिंता करो, मैं ठीक हूँ। तुम्हारी माँ तुम्हें सारा विवरण बता देगी। मुझे लगता है, मुझे बस किसी तरह का संक्रमण हो गया है। सब को शुभ रात्रि”
शुभ रात्रि पा, उन सबने जवाब दिया। डिन विशेष रूप से चिंतित दिखी क्योंकि उन्होंने पहले बेचैनी से श्री ली के पीछे हटने को और फिर एक दूसरे को देखा।
जब श्री ली शांत अंधेरे में वहां पड़े थे, उन्होंने महसूस किया कि उनके बगल और भी अधिक धड़क रहे हैं, जैसे कि एक सड़ा हुआ दांत हमेशा रात में बिस्तर पर अधिक परेशान करने लगता है, लेकिन वह इतना थका हुआ था कि इससे पहले कि उसके लिए चाय, सूप और बीज लाए जाते, वह सो चुका था।
बाहर, बड़ी मेज पर, हल्की रोशनी में, शेष छोटे परिवार ने श्री ली की अवस्था पर कर्कश स्वरों में चर्चा की, यह एक तथ्य था कि अगर वे ज़ोर से भी बोलते तो भी कोई उन्हें सुन नहीं पाता।
“क्या पा मरने वाले हैं, माँ?” डिन ने लगभग आँसू भर के पूछा।
“नहीं, प्रिय, बिल्कुल नहीं,” उसने जवाब दिया, “कम से कम… मुझे ऐसा नहीं लगता।”

1 2 ली परिवार की असमंजस
एकदम गाँव के ढंग से हर कोई मकान के अंदर मौजूद एकमात्र कमरे में एकसाथ सोया: माँ और डैडी का दोहरा गद्दा था, बच्चों में से प्रत्येक के पास इकहरा गद्दा था और तीनों बिस्तरों को उनकी अपनी अपनी मच्छरदानियों द्वारा अलग किया जाता था, इसलिए जब वे दिन के उजाले में उठे, तो सभी पाँव दबा कर चले, ताकि हेंग जाग न जाए।
वे जानते थे कि कुछ तो गड़बड़ है, क्योंकि कड़ाके की ठंड में भी घर में सबसे पहले उठने वाला वही होता था। उन्होंने मच्छरदानी से झांक कर उसके मृत-तुल्य सफ़ेद चेहरे को देखा और चिंतित होते रहे, जब तक कि उनकी माँ ने उन्हें बाहर नहीं भगा दिया।
“डिन, हम पर एक एहसान करो, प्यारी। मुझे तुम्हारे पिता अच्छे नहीं लग रहे हैं, इसलिए जल्दी से नहा लो और जा कर देखो कि क्या बुआ के पास हमें बताने के लिए कुछ है? मेरी अच्छी बच्ची। अगर वह अभी तैयार नहीं है, और मैं जानती हूँ कि हम जल्दी कर रहे हैं, तो उनसे पूछ्ना कि क्या वे अपने प्यारे भतीजे के लिए कुछ विशेष प्रयास कर सकती हैं? इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, क्या तुम ऐसा करोगी?”
डिन रोने लगी और नहाने भाग गई। “माफ करना प्यारी, मैं तुम्हें परेशान नहीं करना चाहती थी।” वह अपनी बेटी पर पीछे से चिल्लाई।
जब पंद्रह मिनट बाद वह अपनी दादी के घर पहुंची, तो बूढ़ी तांत्रिक कपड़े बदल कर तैयार थी और घर के सामने बड़ी सी मेज़ पर बैठ कर चावल का शोरबा पी रही थी।
“शुभप्रभात, डिन, तुम्हें देख कर बहुत अच्छा लगा, क्या तुम एक प्याला शोरबा पीना चाहोगी? यह मज़ेदार है।”
डा अपनी भतिज-पोती और विशेष रूप से डिन पर स्नेह रखती थी, लेकिन जब उसने सुना कि उसे क्या पूछना था, तो वह यह कहने से खुद को रोक नहीं सकी कि उसकी माँ चौबीस घंटों के भीतर इस तरह के उचित निदान के बारे में बहुत कुछ पूछ रही थी।
“वह तुम्हारी माँ! ठीक है, हम देखेंगे कि हम क्या कर सकते हैं…..तुम्हारे पिता ठीक नहीं लग रहे, है ना?”
“हाँ बुआ डा, वह किसी शव की तरह सफ़ेद पड़ गए हैं, लेकिन हमें नहीं लगता कि वे मर चुके हैं…..जब मैं वहाँ से निकली तो माँ यह देखने के लिए कि क्या वे प्रतिक्रिया करते हैं, उन को पिन चुभा रही थी। लेकिन मैं ने परिणाम जानने के लिए प्रतीक्षा नहीं की। मैं नहीं चाहती कि पा मर जाएँ, बुआ डा, कृपा कर के उन्हें बचा लीजिये।”
“मैं जो कर सकती हूँ वह करूंगी, बेटे, लेकिन जब बुद्ध बुलाते हैं, इस दुनिया में ऐसा कोई नहीं है, जो ‘ना’ कह सके, लेकिन हम देखेंगे कि हम क्या कर सकते हैं। मेरे साथ आओ।”
डा आगे-आगे चलते हुए अपने पूजागृह में गई, एक मोमबत्ती जलाई और दरवाजा बंद कर लिया। वह उम्मीद कर रही थी कि डिन उसके “पुराने तरीकों” में रुचि लेगी जबकि अभी वह उतनी युवा थी कि उसे सिखा सके, क्योंकि वह जानती थी कि यदि यह काम ली परिवार में रखना है तो किसी न किसी दिन उसे एक उत्तराधिकारी की आवश्यकता पड़ेगी।
उसने फर्श पर प्रश्नकर्ता के आसन की ओर इशारा किया और डिन बैठ गई, फिर उसने डिन के सामने बैठने से पहले झोपड़े में चारों ओर घूमते हुए प्रार्थनाए कीं, मंत्र पढे और कुछ और मोमबत्तियाँ जलाईं। डिन अपनी गोद में रखे हुए अपने प्याले की तरह मुड़े हुए हाथों को घूर रही थी।
डा ने अपनी भतीजी को देखा, अपने शरीर से हो कर गुजरने वाले एक हल्के से कंपन को महसूस किया, कुछ सेकंड के लिए अपनी अंजुरी को देखा और फिर उसने फिर से डिन को देखा।
“तुम दूसरों के बारे में सलाह लेने आई हो? कृपया अपना प्रश्न पूछो?” डा ने कहा, लेकिन एक गहरी, अंधेरी, कर्कश आवाज में, जो उस झोपड़ी के बाहर किसी ने नहीं सुनी थी।
इस रूपान्तरण ने डिन को चौंका दिया, जैसा कि हमेशा होता था जब उसकी बुआ एक समाधिस्थ अवस्था में चली जाती थी और किसी अन्य शक्ति को अपने शरीर पर नियंत्रण दे देती थी। यह इतना अधिक नहीं होता था कि उसका चेहरा बदल जाए, हालांकि यह हुआ, उसका पूरा शरीर सूक्ष्म रूप से बदल गया, उसी तरह से जैसे कि एक अभिनेता या एक प्रतिरूपणकर्ता अपने चरित्र को निभाने के लिए अपना रूप बदल सकता है, लेकिन यह इससे अधिक था। यह ऐसा था मानो डा के अन्तर्मन को किसी और से बदल दिया गया हो, जिससे वह न केवल अलग दिखती थी, बल्कि उसकी आवाज़ भी बदल जाती थी।
डिन ने बूढ़ी ओझा को देखा, जो अब उसकी बुआ नहीं थी।
“ओझा, मेरे पिता बहुत बीमार हैं। मैं जानना चाहती हूँ कि क्या समस्या है और हम इसके बारे में क्या कर सकते हैं?”
“हाँ, तुम्हारा पिता, जिसे तुम ‘पा’ कहती हो।”
वह आवाज़, जो उसकी बुआ उस समय निकाल रही थी, एक आदमी की थी, उसने पिछले दिन हेंग के छोड़े हुए प्रत्येक बंडल पर हाथ रखा और अपनी आँखों को बंद कर लिया। फिर डिन ने एक लंबा विराम और एक इतना गहरा सन्नाटा महसूस किया, कि वह चींटियों को उस कठोर मिट्टी के फर्श पर चलते हुए सुन सकती थी।
डिन इस से पहले भी इस तरह के एक दर्जन सत्र कर चुकी थी, हालांकि वे किसी इतनी गंभीर बात के लिए नहीं थे, जितनी कि यह थी। उसने एक बार पेट की एक शिकायत के बारे में पूछा था, और कुछ साल पहले अपने मासिक धर्म के बारे में और हाल ही में उसने पूछा था कि क्या जल्द ही उसकी शादी होगी। वह व्यवस्था से नहीं, केवल परिणाम से डर रही थी, लेकिन वह जानती थी कि वह केवल बैठ कर निरीक्षण कर सकती है और इंतजार सकती है, क्योंकि उसे यह आकर्षक लग रहा था।
ओझा ने धीरे से उस पार्सल को खोला, जिसमें पत्थर था, उसका बारीकी से निरीक्षण किया, उसे सूंघा और उसे वापस केले की पत्ती पर रख दिया, फिर वह पत्ती उठाई, जिसमें काई थी और अपने सामने की चटाई पर रखने से पहले उसे सूंघा।
तांत्रिक ने दृढ़ता पूर्वक डिन की ओर देखा और, कुछ मिनट के बाद, बोली।
“वह, जिसके बारे में तुम चिंतित हो, बहुत बीमार है। असल में जब उसने ये नमूने लिए तब वह अपनी मृत्यु के काफी नजदीक था, लेकिन वह अभी मरा नहीं है…..उसके कुछ आंतरिक अंग, विशेष तौर से वे, जो रक्त को स्वच्छ करने का काम करते हैं, बहुत बुरी अवस्था में हैं….. जिन्हें तुम कहते हो, मुझे लगता है, थाई में किडली, ने काम करना बिलकुल बंद कर दिया है और जिगर भी तेज़ी से खराब होता जा रहा है।”
“इस का अर्थ है कि मृत्यु सन्निकट है। इसका कोई ज्ञात इलाज नहीं है।”
तांत्रिक फिर से थरथराई, और उसका आकार वापस बुआ डा के जैसा हो गया, जिसने कई बार आँखें झपकाईं और थोड़ा कसमसाई जैसे उसने कोई पुरानी तंग पोशाक पहनी हो और अपनी आँखें मसलीं।
“यह अच्छी खबर नहीं थी, है ना बच्चे? तुम जानती हो कि जब मुझ पर सवारी आती है, मैं हमेशा हर चीज़ नहीं सुन पाती, लेकिन मुझे यह कहीं कहीं से सुनाई पड़ी और मैं तुम्हारे चेहरे को देख कर बता सकती हूँ कि तुम्हारे पिता के साथ कुछ बुरा होने वाला है।”
“आत्मा ने कहा कि पा निश्चित तौर पर जल्दी ही मर जाएंगे, क्योंकि खराब गुर्दों और जिगर का कोई इलाज नहीं है…..”
“मुझे माफ करना, डिन, तुम जानती हो कि मैं तुम्हारे पिता से बहुत स्नेह रखती हूँ…..देखो, मैं तुम्हें बताती हूँ कि क्या है, मैं ने आत्मा के प्रवेश के अलावा सालों के अनुभव से कुछ पैंतरे भी सीखे हैं। आओ हम इस पर नज़र डालते हैं….. हाँ, पत्थर….. देखो, तुम्हारे पिता ने इस पर कहाँ थूका था? कोई निशान नहीं है! इसका अर्थ है कि उसके थूक में कोई नमक नहीं था, कोई नमक नहीं, कोई खनिज नहीं, कोई विटामिन नहीं, कुछ भी नहीं, केवल पानी।”
“अब काई,” उसने उसे थोड़ी दूरी रख कर सूंघा और फिर उसे अपनी नाक के नजदीक लाई। “बिलकुल वही! इसे सूँघो!” उसने इसे सूंघने के लिए डिन की ओर बढ़ाया, लेकिन डिन को अपने पिता का पेशाब सूंघने की कोई इच्छा नहीं थी।
“चलो सूँघो, यह तुम्हें काटेगा नहीं!” डा ने कहा। डिन ने वैसा ही किया जैसा उसने कहा था।
“कोई गंध, नहीं है, केवल काई जैसी गंध है।”
“बिलकुल! आदमियों के पेशाब को अगर लपेट कर रख दिया जाए तो वह बिल्लियों के पेशाब की तरह महकता है, लेकिन तुम्हारे पिता का नहीं महकता। इसलिए इसमें सड़ने के लिए कोई मांस है ही नहीं, इसलिए तुम्हारे पिता का पेशाब भी पानी है।”
“तुम रक्त के स्थान पर पानी से अधिक समय तक नहीं जी सकती, है ना? यही कारण है, है ना? तुम्हारा रक्त शरीर के चारों ओर से अच्छाई लेता है, लेकिन तुम्हारे पिता को कुछ भी नहीं मिला है, और यही कारण है कि वह इस समय इतना कमजोर है!”
“तुम अब घर जाओ, देखो, कहीं हमें बहुत देर न हो गई हो, और यदि वह अब भी हम लोगों के साथ है तो वापस आ जाओ और मुझे अपने उस स्कूटर पर ले चलो। अब जाओ, जल्दी करो!”
डिन लगभग उड़ते हुए दरवाजे से बाहर निकली और घर की ओर भागी।
जब डिन अपने पिता की जांच करने के लिए गई हुई थी, डा ने वहाँ जाने की तैयारी की, क्योंकि वह दिल ही दिल में जानती थी कि हेंग अभी मरा नहीं है, कुछ भी हो, पूरी तरह से नहीं। उसने कुछ बूटियाँ लीं और उन्हें एक थैले में रखा, अपने मुंह पर पानी के छींटे मारे और संभावित मोटर साइकिल की सवारी में उड़ने वाली धूल से बचने के लिए एक स्कार्फ से अपने बालों को बांध लिया। फिर वह बाहर आ कर अपनी भतीजी की प्रतीक्षा करने लगी।
डिन कुछ मिनटों के बाद धूल का बादल उड़ाती हुई आ पहुंची।
“जल्दी करो बुआ, माँ ने जल्दी आने के लिए कहा है, क्योंकि वह मरने ही वाले हैं।”
डा ने स्कूटर की साइड-काठी लगाई, जैसा कि एक महिला को शोभा देता था और वे चल पड़ीं, जबकि डिन के लंबे बाल उसके झुर्रियों वाले बूढ़े चेहरे पर दर्दनाक ढंग से कोड़े बरसा रहे थे और वह उनसे बचने की कोशिश कर रही थी। जैसे ही वे पहुंचे, डा कुलांचे भरती हुई चली, जो कि उसकी उम्र के लिहाज से काफी फुर्तीली थी, और घर में घुस गई।
“इतनी जल्दी आने के लिए बहुत धन्यवाद बुआ डा, वह शयनकक्ष में है।”
“हाँ, मेरा अंदाज़ा था कि वह बिस्तर पर होगा, अपनी प्यारी बकरियों के साथ नहीं!” उसने मच्छरदानी उठाई और लकड़ी के फर्श पर बिलकुल उसके सिर के पास बैठ गई। पहले उसने उसकी त्वचा को देखा, फिर उसके बालों और होंठों को और अंत में उसने उसकी आँखें खोलीं और उनमें झाँका।
“हम्म, समझी…. मुझे उसके पैर दिखाओ!” वान ने जल्दी से उसके पैर खोल दिये, फिर डा उन्हें दबाने और उनका नजदीकी से मुआइना करने के लिए उन पर झुक गई।
“हम्म, मैंने पहले कभी भी खून में मांस की कमी का ऐसा गंभीर मामला नहीं देखा। क्या तुम मुझे अपने बच्चों को यह बताने की अनुमति दोगी कि कुछ समय के लिए क्या करें? अच्छा, मैं जल्द ही लौटूंगी, अपने पति के सिर को कुछ तकियों की सहायता से ऊपर उठाओ,, मैं डिन को तुम्हारी मदद करने के लिए भेजती हूँ, जबकि डेन बाहर मेरी मदद करेगा।”
“हाँ बुआ, क्यों नहीं। मेरे प्यारे हेंग की सहायता के लिए कुछ भी करूंगी।”
“ठीक है, चलो देखते हैं कि हम क्या कर सकते हैं, है ना?” और इसके साथ ही वह उठ गई और सीढ़ियों से नीचे उतर आई।
“डिन, जाओ और अपनी माँ की सहायता करो, डेन, मेरे साथ आओ, हम सभी को तेजी से और सटीकता से काम करना पड़ेगा।”
डिन तेज़ी से चली गई और डेन ने पूछा कि वह सहायता करने के लिए क्या कर सकता है।
“जाओ और मुझे जो तुम्हारे पास सबसे ताकतवर जवान मुर्गा हो, वह ला कर दो! जल्दी, लड़के!”
जब वह अपने बगल में एक मुर्गे को दबा कर लाया, तो डा ने उससे यह ले लिया। “अब अपने सबसे मजबूत नर बकरे को एक खूँटे पर इतनी कसकर बांधो कि वह एक इंच भी न हिल सके - बैठे या खड़े रहना मेरे लिए सब समान है।”
डेन शीघ्रता से चला गया, और डा मेज़ के किनारे पर टिक गई, मुर्गे का गला काटा, इसका खून एक कटोरे में निकाला, इसके निर्जीव शरीर को मेज़ पर रखी सब्जी की डलिया में उछाल दिया और फिर जल्दी से ऊपर चली गई।
“डिन,” उसने पहुँचने पर कहा, “क्या तुम्हारे पास फ्रिज में थोड़ा बकरी का दूध, या किसी भी तरह का दूध है? अगर नहीं है तो एक बर्तन लो और ताज़ा निकाल लाओ, प्लीज़, लड़की।”
उसे जल्दी करने के लिए कहने की आवश्यकता नहीं थी, वह चली गई थी।
“हाँ तो, वान, क्या वह जाग रहा है?”
“वास्तव में नहीं, बुआ, थोड़ा-थोड़ा।”
“ठीक है, तुम उसकी नाक बंद कर दो और मैं उसके गले से यह खून डाल दूंगी।” उसने उसके बंद जबड़े को अपने अंगूठे और मध्य उंगली से दबा कर खोला, उसके सिर को पीछे धकेला और उसके गले में मुर्गे के रक्त के कुछ घूंट डाले। डा का अनुमान था कि हेंग डीजल पर चलने वाली एक पेट्रोल कार की तरह दौड़ पड़ेगा कि लगभग आधा सही तरीके से नीचे चला गया था।
हेंग ने अपनी आँखें ज़रा सी खोलीं।
“तुम दोनों बूढ़ी डायनें मेरे साथ क्या कर रही हो?” वह फुसफुसाया, “यह भयानक था!”
“आह, मुझे लगा ही था,” डा ने और डालते हुए कहा, “बहुत सही, उसे इस पर ध्यान देने की जरूरत है।”
जब डिन आई तो उसने कहा, “हमारी बेहतरीन बकरी फ्लावर का ताज़ा दूध, यह अभी भी गर्म है।”
डा ने इसे ले लिया, इसे बचे हुए खून में आधा-आधा मिला दिया और उसे हेंग के गले में उतार दिया, परिणाम वही हुआ, लेकिन थोड़े अधिक प्रतिरोध के साथ।
“इसे देखो!” उसने दावा किया, “वह पहले ही ताकतवर होता जा रहा है! हेंग हमसे लड़ने की कोशिश कर रहा है, वह प्रतिरोध कर रहा है। शायद वह अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।”
“ठीक है! वान, तुम दूध पिलाना जारी रखो, लेकिन इस का आधा हिस्सा बचा कर रखना मैं कुछ मिनटों में वापस आती हूँ।”
वह नीचे गई और उसने डेन को बुलाया।
“क्या वह बकरा तैयार है?”
“हाँ, बुआ, वह यहाँ है।”
“बहुत बढ़िया, मेरे साथ आओ।”
डा ने अपने बेहद तेज़ छोटे चाकू से बकरे की जुगुलर नस में छेद किया कुछ सौ मिलीलीटर पंप किया।
“देखा मैं ने यह कैसे किया, लड़के? याद रखने की कोशिश करना, क्योंकि मैं समझती हूँ कि अब से तुम्हें यह हर रोज़ करना होगा।”
वे दोनों ऊपर गए, जहां वे हेंग को अपनी पत्नी और बेटी के साथ बात करते हुए देख कर आश्चर्यचकित हो गए, जैसा अस्पताल का एक मरीज एक सामान्य संवेदनाहारी लेने के बाद कर सकता है - मदहोश, कमजोर और संकोची, लेकिन सुसंगत।
डा ने बकरे का रक्त बाक़ी बचे दूध में मिलाया, लेकिन पहले उसे शुद्ध पदार्थ पीने का प्रयास करने के लिए दिया।
“ओह, बुआ, यह घिनावना है! ओह प्रिय….”
“तो यह चखो,” उसने उसे गुलाबी द्रव का एक गिलास पकड़ाते हुए कहा।
“हाँ…. यह काफी अच्छा है…. यह क्या है? मैं इससे पहले ही काफी अच्छा महसूस करने लगा हूँ।”
हेंग ने इसे व्यग्रता से पी लिया।
“यह, अ, जड़ी बूटियों का मिल्क शेक है….. अच्छा है ना?”
“हाँ, बुआ, बहुत अच्छा है…. तारो-ताज़ा कर देने वाला। क्या और है?”
वान ने बूढ़ी तांत्रिक को देखा, जिसने हाँ में सिर हिलाया। वान ने एक और गिलास भरा और अपने पति की इसे पीने में सहायता की।
“ओह, मुझे खुशी है, हेंग,” उसने कहा, “मुझे लगता है कि इस मिल्क शेक में हमें तुम्हारी अवस्था का समाधान मिल गया है, हालांकि मुझे विश्वास है कि हम इसे अभी और बेहतर बना सकते हैं। शायद समय समय पर हम इसका स्वाद बढ़ाने के लिए और भी सामग्री ढूंढ लें, ताकि यह नीरस न हो जाए, है ना?”
“हाँ, बुआ, मुझे पता था कि आप मेरे लिए इससे गुजरेंगी।”
“मेरे परिवार के लिए कुछ भी, तुम्हारी सहायता करने में सक्षम होना मेरे लिए खुशी की बात है।” उसने जवाब दिया और एक वास्तविक, लेकिन दुर्लभ मुस्कुराहट बिखेरी।
उसने बाक़ी का रक्त और दूध में कुछ जड़ी बूटियाँ मिला कर लगभग डेढ़ पाव मिल्क शेक बनाया और फिर कहा:
“हेंग, मुझे लगता है कि तुम्हें अब आराम करना चाहिए। देखो, यहाँ बाद में पीने के लिए थोड़ा मिल्क शेक है, और मैं अभी नीचे तुम्हारे परिवार को इसे बनाना सिखा दूँगी, ठीक है? परेशान मत हो। अगर मेरी ज़रूरत पड़े तो मुझे फोन करना। अभी के लिए विदा और जल्दी से ठीक हो जाओ।”
जब सभी लोग बगीचे की बड़ी सी मेज़ पर आराम से बैठ गए, और वान ताज़े फलों और ठंडे पानी का नाश्ता ले आई, तो डा ने पारिवारिक बैठक पर नियंत्रण कर लिया।
जैसा मैं ने पहले कहा था, मैं ने इस के जैसा गंभीर मामला इससे पहले कभी नहीं देखा, लेकिन ऐसा लगता है कि मेरे अनुभव और आत्मा के निर्देश ने मुझे सही हल सुझाने में सहायता की है।
हालांकि, अब तक मैं ने केवल वही उपाय किए हैं, जिन्हें तुम आपातकालीन संसाधन कह सकते हो। इसका सामना करते हैं, हमने हेंग को जानवरों का खून पिलाया है, जो वैसी चीज़ें नहीं खाते, जैसी हम मनुष्य खाते हैं, तो उसमें कुछ जैविक पदार्थों की अब भी कमी रहेगी।
“हमें वास्तव में जो करने की आवश्यकता है, वह यह कि उसे उन जानवरों के खून की नियमित आपूर्ति होती रहे, जो वह खाते हैं, जो हम इंसान खाते हैं। जितना अच्छा मिलान होगा, उतना ही हेंग के लिए बेहतर होगा।”
“अब हम सब जानते हैं कि हर कोई ठीक वही सब नहीं खाता, जिसकी उसके शरीर को आवश्यकता होती है, तो हम अंदाज़ा लगा सकते हैं कि हेंग को भी उसकी आवश्यकता नहीं है, लेकिन अगर हम उसे केवल मुर्गे का खून देते रहे, तो उसमें बहुत सी चीजों की कमी हो जाएगी और उसका केवल ‘मुर्गे वाला भाग’, ठीक से जी पाएगा।”
“वहीं यदि वह केवल बकरियों का खून पीता है, तो भी वही होगा, क्योंकि लंबे समय में मनुष्य के लिए घास पर्याप्त नहीं हो सकती है।”
“तो, आप क्या कह रही हैं, बुआ डा?” डेन ने पूछा, “क्या हमें उनके लिए बंदर का खून ढूंढने की जरूरत है?”
“वैसे, मेरा इशारा उसी दिशा में है, हाँ, डेन, लेकिन बंदर बिल्कुल वही नहीं खाते हैं जो हम खाते हैं, है ना?”
उसने दबे-ढके शब्दों में अपनी बात उन तक पहुंचाई। डिन सबसे पहले समझी।
“क्या आप का मतलब है, बुआ, कि डैडी को इंसानी खून की नियमित आपूर्ति की आवश्यकता है?”
“हाँ, डिन, यह इसके लिए सबसे आसान रास्ता होगा, और आगे चल कर शायद एकमात्र भी। अगर तुम्हें इंसानी खून की नियमित आपूर्ति न मिले, तो तुम्हें उसे इंसानी भोजन बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के जानवरों के खून की अधिक मात्रा देने की आवश्यकता पड़ेगी।उदाहरण के लिए सूअर काफी कुछ ऐसा खाते हैं जो हम इंसान खाते हैं, लेकिन वे अधिक फल नहीं खाते, और वे सूअर का मांस भी नहीं खाते।”
“मुझे लगता है कि तुम्हें हेंग के लिए कुछ ‘डोनर सूअर’ रखने चाहिए, और सही खून बनाने के लिए उन्हें विशेष प्रकार का खाना खिलाना चाहिए और दूसरे जानवरों के खून से उनको पूर्णता देनी चाहिए, लेकिन मैं फिर कहूँगी, इसमें बहुत झंझट होगा। तुम मुर्गे, बकरे, सूअर, कुत्ते और बिल्ली के खून का मिश्रण बना कर इसे फ्रिज में रख सकते हो, लेकिन जहां तक मुझे पता है, किसी ने आज तक ऐसा नहीं किया है….. परिणामों का अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता।”
“वास्तव में समाधान तुम्हारे चेहरे पर लगी तुम्हारी नाकों जैसा सीधा है, और वह है इंसानी खून।”
“मैं ने तुम्हारे पिता के नमूनों को अब से कम से कम सात घंटा पहले जांचा था, और फिर भी साक्ष्य बिलकुल स्पष्ट है।”
“तुम्हारे पिता में खून नहीं है।”
“बिलकुल भी नहीं!”
“ज़रा भी नहीं!
एक बूंद भी नहीं!”
“मैं तुम्हें दिखाती हूँ।” डा अपने थैले के पास गई और केले की पत्ती में लिपटी हुई काई निकाली। “यह तुम्हारे पिता के मूत्र का नमूना है। देखो।” उसने इसमें आग लगा दी। “आग इसके नम होने के कारण कुछ तड़क रही है, लेकिन देखो, आग की लपटों में कोई रंग नहीं है, इसलिए न विटामिन है, न नमक है, इसके रक्त में कुछ भी नहीं है। उसकी नसों में केवल पानी है, भले ही वह अभी भी लाल हो।”
“अगर तुम चाहो तो हम बाद में उसका थोड़ा खून निकाल सकते हैं और उस की जांच कर सकते हैं। अगर उसके पास असली खून होता तो मॉस अब तक सूख चुका होता और जलने के साथ ही रंग दिखाता।
“पत्थर के साथ भी है, देखो! हेंग ने यहाँ थूका था, लेकिन नमक का कोई निशान नहीं है, कुछ भी नहीं है, तो फिर से, बस पानी ही पानी। तुम्हारे पिता में बिलकुल खून नहीं है।”
“एक बूंद भी नहीं!”
“क्या यह बुरा है, ओझा बुआ?”
“बुरा? बुरा? लड़के, एक इंसान खून के बिना जीवित नहीं रह सकता!”
“मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, डेन, लेकिन तुम कई बार कितने मूर्खता की बातें करते हो! मुझे लगता है, अपनी उम्र के बाक़ी लड़कों की तरह तुम्हारे दिमाग पर सेक्स हावी है!
“और यह पूजगृह के बाहर सिर्फ ‘बुआ’ हैं।”
“तुम्हारे पिता एक पिशाच में बदल गए हैं… क्या उसने तुम में से किसी को हाल ही में काटा था?”
“नहीं, बुआ, लेकिन हो सकता है उन्होंने बकरियों को काटा हो, हमें इसके बारे में कुछ भी नहीं पता है।” डेन ने जवाब दिया।
“ओह, यह बहुत गंभीर है, बहुत ही गंभीर। मैं ने ऐसे मामलों के बारे में सुना है, लेकिन अपने….. अपने….. अ, इतने लंबे अनुभव में कभी देखा नहीं था।”
“वाह,” डेन ने कहा, “डैड एक नर-पिशाच में बदल गए हैं, एक पिशाच? ठहरो, मैं अपने दोस्तों को बताता हूँ! हेंग – नर-पिशाच! यह अद्भुत है।”
“क्या वह जल्दी मर जाएंगे?” डिन ने पूछा।
“हम उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं, डिन, हम वह सब करेंगे जो हमारे बस में है, लेकिन इसका अर्थ है कि तुम्हें यह किसी को बताना नहीं है। डेन, क्या तुम समझे? किसी को नहीं, किसी को भी नहीं, मूर्ख लड़के!”
“क्या तुम्हें पूरा यकीन है कि यह लड़का ली है, वान?” उसने वान पर एक अपमानजनक नज़र डाली, जो उसे काफी असम्मान की नज़र से देख रही थी, जितना असम्मान उसकी आँखों में समा सकता था, जबकि वह एक बूढ़ी औरत की ओर देख रही थी, जिसने उसके मरने वाले पति की जान बचाई थी।
“तो, ऐसा है। तुम्हारे पास यही विकल्प हैं। आखिरकार, यह तुम्हारा निर्णय होगा - तुम चारों का - क्योंकि तुम लोगों को ‘इलाज’ ढूँढना है, और हेंग को इसे जीवन भर लेना पड़ेगा, क्योंकि इसका कोई इलाज नहीं है।”
डा छत के खंभों में से एक के सहारे ढेर हो गई और अपनी आँखें बंद कर लीं, जैसे कि वह एक किताब बंद कर रही हो और सत्र समाप्त कर दिया। परिवार ने उसकी ओर देखा और फिर आश्चर्यचकित होते हुए एक-दूसरे को देखा कि वे इस सब से कैसे निकलेंगे।
जब बुआ डा समाधिस्थ दिख रही थी, या शायद सो गई थी, बाक़ी तीनों इस पर चर्चा करने लगे कि अब वे आगे क्या करेंगे।
“हाँ तो,” वान ने कहा, “हमें वास्तव में स्थानीय लोगों से ज्यादा खून नहीं मिल सकता है? उनमें से अधिकांश आपको ठंडे चावल का हलवा तक नहीं देंगे, उनके डेढ़ पाव खून की बात तो जाने ही दो और हम इसे उनसे खरीदने की सोच भी नहीं सकते।”
“हम यात्रियों को पकड़ लेंगे और उनका खून निचोड़ कर बोतलों में भर लेंगे और उसे फ्रिज में रख लेंगे…..” डेन ने कहा।
“यहाँ पर अधिक यात्री भी नहीं आते हैं, है ना डेन?” उसकी माँ ने जीभ तचकते हुए कहा।
“हम विभिन्न जानवरों के खून के मिश्रण से काम चलाएँगे और हम सब भी हर महीने डेढ़ पाव खून दे सकते हैं,” डिन ने पच्चर लगाया।
“अम्म, मुझे नहीं पता एक व्यक्ति साल भर में कितना खून दे सकता है, लेकिन 18 पाव मुझे बहुत ज़्यादा लग रहा है - हालांकि विचार अच्छा है प्रिय।”
“शायद परिवार के विस्तार में से कुछ सदस्यों को समय समय पर खून देने के लिए मनाया जा सकता है, यहाँ तुम्हारे पिता को सब बहुत पसंद करते हैं…..”
“हम मरने वाले लोगों का सारा खून खरीद सकते हैं।” डेन ने प्रस्ताव रखा।
“प्रिय, मुझे लगता है, खून मरने से पहले निकालना चाहिए, नहीं तो दिल बंद हो जाता है और फिर पंप करने के लिए कुछ नहीं बचता।”
हम उनके पैरों के सहारे उनको उल्टा लटका देंगे और उनके गले में….. या दिल…. में या दोनों जगह नल लगा देंगे…..?
“ओह, अच्छा, तो जब भी किसी की प्यारी बूढ़ी माँ मरेगी, और हर कोई उसकी मौत पर रो रहा होगा, तुम वहाँ जल्दी से उसके ठंडा पड़ने से पहले पहुँचोगे और उनसे कहोगे कि क्या हम उसे उल्टा लटका कर बाल्टी में उसका खून निकाल लें, ताकि बाद में उसे तुम्हारे पिता पी सकें, एं?”
“तुम्हें क्या लगता है कि यह कितनी अच्छी तरह काम करेगा?”
“हम पहले कुछ लेने की पेशकश कर सकते हैं…”
“इस तरह की मूर्खता भरी बातों का सुझाव भी मत देना!”
“बच्चों के बारे में क्या खयाल है….शायद नहीं, एह?” डेन ने कहा और खामोश हो गया, अब तक उसके सारे सुझाव अस्वीकार कर दिये गए थे।
“तो, सारांश यह है कि अभी पहले हमें परिवार के सदस्यों से खून एकत्रित करना पड़ेगा, और दूसरे, जानवरों के खून का एक मिश्रण बनाना पड़ेगा, और हमें इनमें से किसी के भी काम करने का विश्वास नहीं है।”
“और कुछ?”
“शायद हम….नहीं, शायद नहीं।” डेन ने कहा।
“चलो बोलो भी, चाहे मूर्खता भरी बात ही क्यों न हो,” उसकी माँ ने कहा, “हम बेचैन हैं और हर विकल्प पर विचार करना चाहते हैं।”
“तो… मैं एक मुस्लिम बन जाता हूँ…. फिर मैं चार बीवियाँ लाऊँगा और हमें चार रक्तदाता और मिल जाएंगे….और अगर उन में से प्रत्येक के, मान लो, चार बच्चे हुए, तो 16 दाता और हो जाएंगे और…..”
“हाँ, ठीक है, डेन, इसके लिए धन्यवाद! काश कि मैं ने तुमसे पूछा ही न होता….. अगला सुझाव तुम दोगे कि तुम्हारी बहन वेश्यावृत्ति आरंभ कर दे और एक बार सोने का मूल्य 3 पाव खून ले!”
डिन इस विचार से ही गहरी लाल पड़ गई और उसे झटका लगा कि उसकी माँ ने ऐसा कहा कैसे, लेकिन डेन विचारमग्न हाँ में सिर हिलाता रहा, जब तक वान ने उसे एक लात नहीं मारी।
“जहां तक मैं देख पा रही हूँ, हमारी दो अन्य समस्याएँ भी हैं, जिनके बारे में हम ने अभी सोचा तक नहीं है,” डिन ने कहा, “बुआ डा ने वास्तव में यह कहा था, डैड को हमारी योजना पर स्वीकृति देनी होगी, क्योंकि उन्हें ही यह पदार्थ पीना है, और हमें कल के लिए भी कुछ चाहिए।”
“शायद कल के लिए हम बकरी के खून का मिल्कशेक प्रयोग करें, क्योंकि तुम्हारे पिता चिकन की सुगंध पर उसको तरजीह देते प्रतीत होते हैं, लेकिन हाँ, तुम ठीक कह रही हो, हमें जल्दी ही कोई अधिक स्थायी समाधान ढूँढना पड़ेगा। हम इसके बारे में बुआ से बाद में पूछ सकते हैं। जहां तक तुम्हारे डैड की बात है, वह वही खाएँगे, जो हम उन्हें देंगे और इसके लिए आभारी होंगे, जब तक वे इतने शक्तिशाली न हो जाएँ कि अपनी स्वयं की खूराक की आवश्यकताओं को चुन सकें, लेकिन मुझे यकीन है कि वे कृतज्ञ होंगे कि तुमने उन के बारे में सोचा।”
जब वे तीनों अपने निजी विचारों से कुछ मिनटों के लिए पीछे हटे, तो डा जाग गई।
“क्या तुमने कोई नए विचार सोचे, या मैं ही समाधान सुझाऊँ?”
“नहीं, बुआ,” वान ने स्वीकार किया, “डेन ने कुछ काल्पनिक सुझाव दिये थे, लेकिन वे कतई संभव नहीं हैं। दुर्भाग्य से, हमारे पास वही कुछ प्रस्ताव बचे हैं, जो तुम ने कुछ घंटों पहले रखे थे।”
“हाँ, मैं ने सोचा ही था कि तुम यही कहोगे, लेकिन ईमानदारी से कहूँ तो, यह कोई आसान समस्या नहीं है, जिसका समाधान ढूँढना है। मुझे भी अपनी समाधि में रिक्त ही दिखा, लेकिन अब शाम होने वाली है, पहले ही काफी देर हो चुकी है, और मैं थक चुकी हूँ, तो क्या तुम बच्चों में से कोई मुझे घर तक छोड़ देगा और हम सब इस पर सो जाएंगे।”
उन्होंने खाना खाने, जानवरों की जांच करने, बारी बारी से नहाने से पहले डेन के वापस आने की प्रतीक्षा की, सोने जाने से पहले दिन के अंतिम कुछ पल एक साथ गुज़ारे, क्योंकि वे सभी भावनात्मक रूप से काफी थक गए थे। हालांकि इस मामले का तथ्य यह था कि एक पिशाच के ऊपर होते हुए कोई भी अकेले ऊपर जाने का इच्छुक नहीं था, इसलिए उन्होंने एक साथ ऊपर जाने का निर्णय किया।
वान उसके साथ सोना भी नहीं चाहती थी, लेकिन वह अपने फर्ज़ से बंधा हुआ महसूस कर रही थी, इसलिए सबसे बड़ी होने के नाते वह हाथ में मोमबत्ती लिए हुए सबसे आगे चली, जबकि बच्चे शेख़ी बघारते हुए उसके पीछे छुप कर आए।
वे हेंग के बिस्तर के पास रुक गए और उसे घूरने लगे। हेंग बिस्तर पर बिलकुल सीधा बैठा था, उसकी सफ़ेद त्वचा और मूँगे के रंग की आँखें अंधेरे में चमक रही थीं।
“शुभ संध्या परिवार!” उसने धीमी, क़ब्र के अंदर से आती सी आवाज़ में कहा।
उनमें से तीनों अपने अपने बिस्तर पर चले गए, लेकिन वे हेंग से अपनी आँखें नहीं हटा पाए, जो ज़रा भी नहीं हिल रहा था, और एक-टक अपने सामने की ओर देख रहा था।

1 3 पिशाच हेंग
जब वे सुबह सो कर उठे तो हेंग घटनाओं से थक कर सो गया था, वह पूरी तरह कंबलों में लिपटा था, और उसके सिर पर एक तकिया था।
हर कोई उठा और उसके बिस्तर के पास से तेज़ी से गुजरते हुए जल्दी से जल्दी नीचे चला गया।
“वाह, माँ, क्या तुमने कल रात डैड को देखा था?” डेन ने पूछा। “उनकी आँखें और उनकी त्वचा का गोरापन कमरे में उजाला कर रहा था, लेकिन हालांकि यह उनकी ही आँखें थीं, है ना? वे हमारी ही तरह सफ़ेद पर काली हुआ करती थीं, लेकिन अब वे गुलाबी पर लाल हैं…. मुझे लगता है, यह संभवतः उस सारे खून की वजह से होगा।”
“मैं नहीं जानती, मेरे प्यारे, लेकिन मुझे लगता है कि तुम ठीक कह रहे हो। तुम्हें थोड़ा खून और लाना चाहिए, और थोड़ा और दूध लाने के लिए अपनी बहन को भी साथ ले जाओ। क्या तुम्हें याद है कि तुम्हारी बुआ ने खून कहाँ से पाया था?”
“हाँ, माँ, हालांकि मैं एक दूसरे नर बकरे से खून निकालूँगा, है ना, ताकि पहला वाला ठीक हो सके?”
“हाँ, अच्छा विचार है, डेन। रोज़ खून निकालने के लिए एक अलग नर बकरे का प्रयोग करो, और डिन अपना सामान्य दूध लाने का कार्यक्रम जारी रखेगी। हालांकि अभी के लिए सभी बकरियों का दूध केवल तुम्हारे पिता के लिए होगा, ठीक है? उन्हें इसकी हमसे कहीं अधिक आवश्यकता है और हम नहीं चाहेंगे कि उन्हें आधी रात को भूख लगे, है ना?”
“नहीं, माँ, बिलकुल नहीं! मुझे कल रात सोने में युग लग गए। मैं काफी डर गया था कि डैड उठ कर चलना शुरू कर देंगे, और खाने के लिए कोई चीज़ - या कोई आदमी ढूँढने लगेंगे।”
“इस तरह की चीजों से अभी मत डरो, डेन। मैं उनके तुमसे अधिक नजदीक हूँ, इसलिए वह मुझ पर पहले टूटेंगे, अगर किसी दिन तुम्हें उनके बिस्तर पर एक सिकुड़ा हुआ, खून से खाली हो चुका त्वचा का थैला दिखे, तो भाग जाना। ऐसे ही अगर एक सुबह तुम्हें हमारी मच्छरदानी से झाँकती चार आँखें नज़र आयें तो भी भाग जाना।”
“शर्त लगा लो माँ! मैं अभी जा कर वह खून लाता हूँ। डिन कहाँ है?”
“पता नहीं, हो सकता है उसने पहले ही काम शुरू कर दिया हो। तुम अपने काम से लगो, और मैं जा कर बुआ डा को मोटरबाइक से ले कर आती हूँ - मुझे लगता है कि हमें तुम्हारे पिता के लिए अब भी थोड़ी सहायता की आवश्यकता है। उन्हें देखने के लिए ऊपर उनके पास जाने से पहले तुम और तुम्हारी बहन मेरे लौटने का इंतज़ार करना, ठीक है?”
“हाँ, माँ, तुम्हें मुझे दोबारा बताने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन अगर वे यहाँ नीचे आ जाते हैं, तो हम क्या करेंगे?”
“मुझे नहीं लगता कि वे आएंगे…. जब मैं बिस्तर से बाहर आई तो वे बहुत गहरी नींद में सो रहे थे। लेकिन कुछ भी हो, हमें अधिक समय नहीं लगेगा। हालांकि अगर वह उठ जाए, तो उन्हें अपना शुभ प्रभात का चुंबन मत लेने देना।”
वान दस मिनट के बाद डा के साथ लौट आई, जो हेंग के घर से किसी अवश्यंभावी बुलावे की प्रतीक्षा में अपनी मेज़ पर बैठी थी। जब वे वापस लौटीं तब तक हेंग नीचे नहीं आया था, डिन ने दूध जमा कर लिया था और डेन लगभग तैयार था।
“ठीक है,” डा ने कहा, “अभी के लिए मैं आधा आधा बकरी का दूध और खून और तुलसी, आधा धनिया और एक चुटकी इसकी सलाह दूँगी। इसे अच्छी तरह हिलाओ और यह तैयार हो जाएगा। उसे आधा लीटर सुबह देना और इतना ही रात को सोते समय देना। अभी के लिए इतना पर्याप्त हो जाना चाहिए। ओह, और उसे कभी भी लहसुन मत देना, यह पिशाचों के लिए बहुत बुरा होता है! अब हमें ऊपर चल कर उसको देखना चाहिए।”
“हम ऊपर जाएँ, इससे पहले, बुआ डा, मुझे आपको यह बताने की ज़रूरत है कि वह पिछली पूरी रात बिस्तर पर ज्यादातर समय सीधा बैठा था, उसकी सफ़ेद त्वचा और लाल पुतलियों वाली गुलाबी आँखें अंधेरे में एक प्रकाश स्तम्भ की तरह जगमगा रही थीं। ओह, और जब उसने हमसे बात की! हे मेरे बुद्ध! मैं ने ऐसा कभी कुछ नहीं सुना। उसने कहा ‘शुभ संध्या, परिवार’ और वह भी कैसी अजीब, भारी सी आवाज़ थी….. यह वाकई डरावना था।”
“अब इसकी परवाह मत करो…. चलो उस पर एक नज़र डालें।”
वे मिल्कशेक के बर्तन के साथ ऊपर गए और कमरे में दाखिल हुए। सारी खिड़कियाँ बंद थीं, तो अंदर घोर अंधेरा था। वान ने फिर से बाहर कदम रखा और एक मोमबत्ती ले आई, लाइटर से इसे जलाया, जो पास ही एक डोरी से लटका हुआ था और डा का साथ देने के लिए वापस कमरे में गई, जो उस बिस्तर के नजदीक पहुँच रही थी, जहां हेंग सोया हुआ था।
मोमबत्ती की रौशनी में कोई नई चीज़ नहीं दिखाई दी, तो औरतों ने मच्छरदानी को बांध दिया और बिस्तर के एक ओर बैठ गईं। वान ने चादर खींच ली, वह लेटा हुआ था, चित्त, नग्न, बाहें क्रॉस बनाती हुई येशु की तरह फैली हुई थीं, आँखें खुली हुई थीं, एक भूतिया, अभिव्यक्ति विहीन मुखौटे पर गुलाबी बादामों के जोड़े में दो गहरे-लाल घेरे, उसके होंठ, उसके मुँह के आस पास दो छोटी लकीरें थीं।
वान ने सवालिया नज़रों से डा की ओर देखा, जो अपने मरीज का अध्ययन कर रही थीं। उसने अपने हाथ का पिछला हिस्सा उसके माथे पर रखा और उसे कमरे के तापमान पर पा कर उसे ताज्जुब नहीं हुआ।
“आज तुम कैसे हो, हेंग?” उसकी बीवी ने पूछा।
“भूखा….. नहीं, प्यासा,” उसने कहा, शब्द उसके मुंह से जैसे लुढ़कते हुए बाहर आए, जैसे पहाड़ों पर चट्टानें खिसकने से कोई गोल पत्थर लुढ़कता हुआ नीचे आता है।
“ठीक है, मेरे प्यारे, फिर उठ जाओ। हम तुम्हारे लिए थोड़ा और बढ़िया मिल्कशेक लाए हैं।”
महिलाओं ने सीधा बैठने में सहायता करने के लिए उसके तकिये ठीक किए, और फिर उसे कंबल उढ़ा दिया।
“इसे पी लो, मेरे प्यारे,” वान ने कहा, “यह वही सुगंध है जो तुम ने कल सबसे अधिक पसंद की थी।”
डा ने थोड़ा सा एक गिलास में डाला और उसके लिए उसमें एक स्ट्रॉ डाल दिया। हेंग ने जड़ी-बूटियों के हरे झाग वाले गुलाबी द्रव के दो गिलास पी लिए और वह तारो-ताज़ा हो गया था। उसने अंगड़ाई ली और चारों ओर ऐसे देखा, जैसे पहली बार देख रहा हो।
“तुम्हें अच्छा लगा, अं, हेंग?” डा ने पूछा। “मैं देख सकती हूँ कि जब से हम अंदर आए थे, तब से अब तुम काफी जीवंत लग रहे हो। क्या तुम्हें लगता है कि आज तुम नीचे आ पाओगे? सूरज की रौशनी तुम्हें काफी फायदा पहुंचाएगी….. तुम थोड़े पीले दिख रहे हो…..तुम यहीं तो नहीं बने रह सकते, है ना?”
हेंग ने उसकी ओर ऐसे देखा, जैसे वह कोई अजनबी भाषा बोल रही हो, और फिर उसने अपनी बीवी की ओर देखा।
“क्या तुम शौचालय जाना चाहते हो, हेंग? काफी समय हो गया, क्या तुम वहाँ नीचे अच्छा महसूस करोगे? क्या तुम अभी शौचालय जाना चाहते हो या मैं तुम्हारे लिए ऊपर एक बाल्टी ले आऊँ?”
“हाँ, अच्छा विचार है, मैं मलत्याग के लिए नीचे जाना चाहता हूँ, लेकिन पहले थोड़ा और मिल्कशेक।”
क्योंकि दोनों औरतों में से कोई भी नहीं जानती थी कि उसे कितना देना चाहिए, तो उन्होंने, जितना उसने मांगा, उसे पीने दिया और हेंग ने पूरा एक लीटर पी डाला।
डा बैठ गई और अवलोकन करने लगी, जबकि वान ने उसे कपड़े पहनने में सहायता की। जैसे ही मिल्कशेक ने प्रभाव डाला, हेंग और भी अधिक सक्रिय हो गया।
“तो चलो, हम तुम्हें कपड़े पहना कर नीचे ले चलें।”
दोनों महिलाओं ने एक एक बांह पकड़ी और लड़खड़ाते हुए हेंग की उसके पैरों पर चलने में सहायता करने लगीं। वह एक टेढ़े-मेढ़े पहियों वाली साइकल की तरह चल रहा था। जब वे उसे बाहर बाल्कनी में लाईं, तो वह तेज़ रौशनी में आँखें मिचमिचाने लगा, लेकिन यह तो अंधेरे कमरे में डेढ़ दिन बिताने के बाद किसी के भी साथ होता। डेन और डिन ने अपने पिता को अपनी बुआ और माँ की सहायता से नशेबाज़ों की तरह सीढ़ियाँ उतरते देखा।
वे डरे हुए थे कि वह कितना कमजोर और कितना अलग लग रहा था। हेंग हमेशा से छरहरा था, लेकिन अब वह मरियल और बर्फ की तरह सफ़ेद लग रहा था, जिसकी आँखों की जगह दो लाल बादाम थे। जब वह सांस लेने के लिए मेज़ से टिका तो वे आगे बढ़े।
“डेन, क्या तुम्हारे पास अब भी वह पुराना धूप का चश्मा है? मुझे लगता है कि तुम्हारे पिता को आज उसकी ज़रूरत है, क्योंकि उनकी आँखें थोड़ी संवेदनशील हैं।”
डा ने कहा, “क्या तुम डेन को अकेले शौचालय तक ले जा सकती हो, वान, या तुम्हें डेन की सहायता चाहिए होगी?”
“नहीं, मुझे लगता है, मैं कर लूँगी।”
वह उसे ले गई, हेंग अपने खाली हाथ से अपनी आँखों को ढक रहा था। जब पंद्रह मिनट बाद उन्होंने उसे वापस मेज़ पर बिठाया, तब वह इस प्रयास से थक गया सा लगता था।
“डिन, लपक कर ऊपर जाओ और एक चादर और कुछ तकिये ले आओ। क्या ले आओगी, प्लीज़? आज तुम्हारे पिता थोड़ी ताज़ा हवा और धूप लेने के लिए यहाँ आराम करेंगे। उन्होंने अपने जीवन में कभी भी इतना समय घर के अंदर नहीं बिताया है, तो उनका शरीर इसका आदी नहीं है। उनकी स्थिति तो देखो…..”
इस पूरे समय, हेंग बोलने वालों का मुंह ताक रहा था, लेकिन बातों को समझ नहीं पा रहा था। उन्होंने उसे तकियों के द्वारा आराम से बैठाया और डेन ने उसे एकदम काला, आईने नुमा काँच वाला धूप का चश्मा पहनाया, जिस पर उसे एक दशक पहले तक, बहुत गर्व हुआ करता था, जब तक वह फैशन में था ।
परिणाम स्वरूप हेंग एक अजीब सी चिड़िया की तरह दिख रहा था, जिसे चश्मा पहना कर, सफ़ेद चादर में लपेट कर छत को सहारा देने वाले खंभे पर सजा दिया गया हो।
अच्छा, बच्चों, मुझे लगता है कि बेहतर होगा, यदि तुम जा कर अपने पिता के लिए थोड़ा और मिल्कशेक तैयार कर लो। वह आज बहुत भूखे दिख रहे हैं और यह एक अच्छा संकेत है। इससे लगता है कि हम सही जा रहे हैं।
“आप आज काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं, है ना पा?”
उन्होंने उसकी प्रतिक्रिया के लिए इंतज़ार किया, और फिर उसने बिलकुल एक उल्लू की तरह देखते हुए, हाँ में गर्दन हिलाई। डेन और डिन खिलखिलाते हुए चले गए, उन्हें इस प्राणी को, जो चौबीस घंटे पहले तक उनका पिता था, अपने पिता के समान समझना बहुत मुश्किल लग रहा था।
“आपको क्या लगता है, मुझे इस शाम हेंग के खाने के लिए कुछ बनाना चाहिए, बुआ डा?”
“यदि वह इसे खाएगा, तो इससे उसे नुकसान नहीं पहुंचेगा। लेकिन यह मिल्कशेक का विकल्प नहीं होगा।”
“हेंग, क्या तुम बाद में हमारे साथ कुछ खाना चाहोगे?”
हेंग ने ना में अपना सिर झूमाया, और अपनी बीवी को घूरने लगा।
“आज तुम क्या पका रही हो, वान?” डा ने पूछा।
मुर्ग या सूअर…. जो भी वह पसंद करे।
हेंग ने एक वक्ता से दूसरे वक्ता को देखना जारी रखा, जैसे वह किसी ऐसे देश में हो, जहां की भाषा उसे न आती हो।
“क्यों न उसी से पूछ लें? वह बेवकूफ नहीं है, या कम से कम मैं तो उसे बेवकूफ नहीं समझती।
“तुम आज की शाम क्या खाना चाहते हो, हेंग, सूअर या मुर्ग?”
उसने कुछ पल उसकी ओर देखा, फिर कहा:
“बच्चा…..”
“कौन सा? जो भी हो, हेंग, तुम बच्चों को नहीं खा सकते….यह ठीक नहीं होगा।”
“हमारे बच्चे नहीं….. बकरी के बच्चे….. हमारे पास कुछ हैं या नहीं?” हेंग ने कहा।
“हाँ, हमारे पास अभी भी कुछ हैं, लेकिन मुझे लगा कि हम उन्हें रेवड़ में शामिल करने वाले हैं।”
“केवल एक बच्चा।”
“हाँ, अच्छा, ठीक है, हेंग, यह देखते हुए कि तुम बीमार हो, मैं आज रात तुम्हारे लिए मेमने के चॉप पका दूँगी और बाक़ी हम सब के लिए थोड़ा सा सूअर।”
“मुझे मेरा वाला अधपका चाहिए, भुना हुआ, रसेदार नहीं, वान। आज मुझे थोड़े मांस, असली लाल मांस के लिए लालसा जग रही है।”
यह जान कर कि उनके पिता अभी उन्हें खाने का इरादा नहीं रखते, बच्चों को बड़ी राहत पहुंची।
जब ऐसा लग रहा था कि हेंग अपने रात के खाने के इंतज़ार में सो गया है, डेन ने अपनी माँ से पूछा कि क्या उसे लगता है कि वह एक न एक दिन उन्हें खाना चाहेगा।
“ओह, मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए, डेन, अगर हम उनकी भूख को संतुष्ट करते रहेंगे तो नहीं, न ही हम जानते हैं कि अभी तक वे क्या हैं।”
“बुआ डा, आप हेंग की स्थिति के बारे में क्या सोचती हैं?”
“मुझे लगता है कि यह बहुत दिलचस्प है…… सच में बहुत ही दिलचस्प। तुमने कल देखा होगा, हेंग मौत के दरवाजे पर दस्तक दे रहा था, लेकिन अब वह हर घंटा अधिक सक्रिय होता जा रहा है, हालांकि वह वही हेंग नहीं दिख रहा है, जिसे हम सब इतनी अच्छा तरह जानते और इतना प्यार करते थे।”
“हमें देखना पड़ेगा कि यह नया हेंग किस तरह बदला है या हो सकता है कि जब वह अपनी नई खूराक का आदी हो जाए और समय के साथ ठीक हो जाए, जैसा वह बिना अपने शरीर में असली खून के था, तो हमें अपना हेंग वापस मिल जाए।”
“तुम्हारे अंदाजे उतने अच्छे नहीं होते, जितने मेरे होते हैं, लेकिन मैं स्वीकार करती हूँ कि यहाँ मैं एक नए क्षेत्र में हूँ और अपनी आत्मा दोस्तों से कुछ मश्वरे के बाद मैं आवश्यकतानुसार काम कर रही हूँ, हालांकि एक ने कहा था कि अधिक करुणाशील यह होगा कि हम उसे खत्म कर दें और उसे जीवन की नई शुरुआत करने का मौका दें।”
“इस सलाह के बारे में तुम क्या सोचती हो, वान?”
“अं, ईमानदारी से कहूँ तो, यह काफी कठोर उपाय है, आपको नहीं लगता, बुआ डा?”
“हाँ, लगता है, यहाँ मैं तुमसे सहमत हूँ, तभी तो मैं ने इसका सुझाव नहीं दिया था, लेकिन अगर चीज़ें हाथ से निकालने लगें तो यह भी एक विकल्प है।”
इस पूरे वार्तालाप के दौरान हेंग सोया हुआ दिख रहा था, लेकिन औरतों ने जांच नहीं की।
“क्या तुम्हें लगता है कि वह तकलीफ में है, बुआ डा?”
“वह काफी शांत दिख रहा है, नहीं? वह दोबारा बात करने लगा है और किसी तकलीफ का ज़िक्र नहीं किया है, इसलिए अगर तुम्हारी जगह मैं होती, तो मैं उसकी शारीरिक अवस्था को ले कर बहुत चिंतित नहीं होती, लेकिन तुम उसे और किसी से ज़्यादा बेहतर जानती हो, तो यह तुम्हारे ऊपर है कि तुम उसमें आने वाले किन्हीं भी मानसिक बदलावों पर नज़र रखो, और उनके बारे में मुझे बताओ, ताकि हम उन पर चर्चा कर सकें।”
“ठीक है, बुआ डा, मैं ऐसा ही करूंगी। देखिये, अगर आपको अन्य काम करने हैं, तो हमारे काम में फंसी मत रहिए। हम सब आपकी सहायता के लिए बहुत आभारी हैं, आपके बिना तो हेंग मर ही गया होता और हम सब इस हक़ीक़त से अच्छी तरह वाकिफ हैं। अगर ऐसा कुछ भी हो, जो हम आपके लिए कर सकें, तो आपको सिर्फ इतना करना है कि हमें बता दीजिएगा।”
“हाँ, धन्यवाद, वान, शायद मुझे कुछ घंटों के लिए घर जाना चाहिए, लेकिन मैं हेंग को मेमने का भोजन करते हुए देखना चाहूंगी, तो यदि मैं इस रात तुम लोगों के साथ सूअर के मांस का भोजन करूँ तो बहुत अच्छा होगा।”
“जहां तक मेरे भुगतान की बात है, अभी उसकी चिंता मत करो। हेंग मेरा प्यारा भतीजा है और मैं अपने भतीजों में से किसी को भी, अगर उसे रोकना मेरी शक्तियों के वश में हुआ तो, कुछ भी होता हुआ नहीं देखना चाहूंगी। “
“मैं पैदल घर जा सकती हूँ और पैदल ही वापस भी आ सकती हूँ….. तुम लोग किस वक़्त खाना खाओगे?”
“सात से साढ़े सात के बीच, जैसा हमेशा खाते हैं, और आप का स्वागत है।”
“ठीक है, मैं तब तक आ जाऊँगी, सात बजे मिलेंगे। अभी के लिए विदा।”
“विदा, बुआ डा, और आपकी सारी सहायता के लिए एक बार फिर धन्यवाद।”
जब डा वहाँ से चली गई तो वान को अपने पति के साथ अकेले रहना अजीब लगा। हेंग के बीमार पड़ने के बाद से यह पहली बार था, क्योंकि डेन बकरियों को ले कर नीचे धारा पर चला गया था, और डिन परिवार के सब्जी के खेत की रखवाली कर रही थी। वान को डेन से बात करनी थी कि वह बकरी के बच्चों में से किसी एक का वध करके उसका गोश्त बनाए, जो अपनी माओं के साथ झुंड में दौड़ रहे थे, लेकिन हेंग को अकेला छोडने में डर रही थी। डेन ही अकेली थी, जो जा सकती थी, तो उस ने उम्मीद रखी कि डिन खाना खाने के लिए वापस आएगी, जो वह आम तौर पर करती थी, तो वान को पूरा भरोसा था कि हेंग को उसके चॉप मिलेंगे।
उसने उससे बात करने की कोशिश की और चूंकि उन की बातें कोई और नहीं सुन रहा था, उसने प्यार मोहब्बत की बातें कीं।
“प्यारे हेंग, क्या तुम जाग रहे हो, मेरे प्यारे? हम सब….. मैं तुम्हारे लिए कितनी चिंतित थी….. अगर तुम मुझे सुन रहे हो तो कृपया जवाब दो।”
“हाँ बिलकुल, मैं जब जाग रहा होता हूँ तो मैं तुम को सुन सकता हूँ, लेकिन समय-समय पर मुझे झपकी आ जाती है, मॅड,” उसने अपनी नई, धीमी, घरघराती हुई आवाज़ में कहा, “और मुझे लगता है कि कुछ बातें मुझसे छूट गई हैं। कुल मिला कर, मैं काफी अच्छा, हालांकि कुछ अजीब महसूस कर रहा हूँ। मैं अब रात के खाने का इंतज़ार कर रहा हूँ।”
“क्या समय हो गया है?”
“पौने बारह बजे हैं, थोड़ी देर में हम दोपहर का खाना खाएँगे, क्या तुम को कुछ चाहिए?”
“इसमें क्या है?”
“ओह! एक सलाद…..”
“याख, खरगोशों का खाना!”
“लेकिन , लेकिन तुम्हें तो हरा सलाद कितना पसंद था, हेंग…..”
“अच्छा? मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मुझे यह पसंद था इसकी मुझे याद तक नहीं है।”
“एक ऑमलेट कैसा रहेगा?”
“हाँ, उससे तो बेहतर ही लग रहा है। क्या तुम थोड़ा मिल्कशेक बना दोगी?”
“हाँ, बिलकुल, प्यारे, क्यों नहीं, मैं देखती हूँ, शायद मेरे पास थोड़ा सा बचा है, जो मैं ने तुम्हारे रात के पीने के लिए बनाया था।
हम आधे घंटे और देखेंगे कि डिन आती है या नहीं। मुझे उसके हाथ से डेन के लिए संदेश भिजवाना है कि वह तुम्हारे लिए एक मेमना मार ले।”
दोपहर के खाने के बाद डिन ने कुछ छुरियाँ लीं, गोश्त के लिए एक थैला लिया और खून के लिए एक बर्तन ले कर अपने भाई के पास गई, ताकि वह अपना कर्तव्य निभा सके, फिर डिन वापस सब्जी के खेत में चली गई।
“लगता है तुम्हें ऑमलेट पसंद आया, हेंग, है ना?”
“हाँ, यह पौष्टिक था। बहुत सारा मांस, ढेर सारा प्रोटीन।”
उस सारी शाम वान हेंग के आस पास ही, सब्जियाँ काटती, नामपीक सॉस बनाती और मंडराती रही, लेकिन हेंग ने उसके बाद एक शब्द भी नहीं कहा। वह स्पष्ट रूप से इतने दिनों बाद ठोस भोजन करने के बाद दोपहर का विश्राम कर रहा था, या संभवतः दोपहर की स्वास्थ्यवर्धक झपकी ले रहा था।
शाम को सबसे पहले डिन अगले चौबीस घंटों के लिए टोकरी भर सब्जियाँ और बूटियाँ ले कर घर वापस लौटी। डेन थोड़ी देर बाद आया और अपनी माँ को अच्छी तरह टुकड़े किए हुए गोश्त का थैला और मारी हुई बकरी से निकाले हुए खून का बर्तन दिया।
“मैं अभी जा कर इस चमड़े पर नमक लगाऊँगा, माँ, ठीक है? मैं ने इसे पहले ही खुरच लिया है, जैसा मुझे डैड ने सिखाया था। मैं बीस मिनट में वापस आऊँगा।”
“जल्दी करने की कोई ज़रूरत नहीं है, हमारे पास बहुत समय है। तुम उस बकरी को काटने के बाद मेज़ पर आने से पहले नहा ज़रूर लेना।”
“हाँ, माँ।”
“हम्म, मिल्कशेक, मुझे बढ़िया मिल्कशेक की महक आ रही है…..” हेंग उत्तेजना में बड़बड़ा रहा था।
“हाँ, हेंग, मिल्कशेक…… मॅड बाद में तुम्हारे पीने के लिए मिल्कशेक बना रही है, लेकिन पहले तुम्हारी बुआ के आने के बाद हम रात का खाना खाएँगे।”
वान डिन से फुसफुसाई, “मुझे विश्वास है कि वह बकरी का खून और मांस सूंघ सकता है। देखो उसकी नाक किसी डायन की तरह फड़क रही है। कौन विश्वास करेगा कि एक सप्ताह पहले हम इस तरह रह रहे होंगे।”
वान ने बचा हुआ मांस फ्रीजर में रख दिया और फिर हेंग की चॉपों को इतनी दूर ले गई कि उनकी महक उसे परेशान न कर सके और फिर अपने रोज़मर्रा के कामों में लग गई। हेंग चाबी वाले खिलौने की तरह वापस सो गया, जैसे उसमें चाबी भर दी गई हो।
पौने सात बजे वान ने कटी हुई सब्जियाँ पानी से निचोड़ने के लिए निकालीं, एक बाल्टी में आग जलाई, जिस पर वे मेज़ पर रखे एक पुराने कंक्रीट के ब्लॉक पर खाना पकाते थे, और उसमें कोयले के कुछ और टुकड़े डाले। आज वे बच्चों का पसंदीदा सूअर का भुना मांस बनाने वाले थे।
बारबेक्यू का उपकरण साधारण, लेकिन प्रभावशाली था। यह एक धातु की प्लेट थी, जो एक पुराने फैशन के ऑरेंज जूसर के जैसी दिखती थी। हंडे में सब्जियाँ उबालने के लिए पानी भर दिया और मांस को भूनने के लिए चावल की स्पेघेटी और पिनाकल था। परिणाम स्वरूप सबने अपना अपना खाना बनाया और उसे दूसरों के लेने के लिए हंडे के ऊपर रख दिया, इस प्रकार यह एक सामाजिक भोज था।
जब सात बज कर दस मिनट पर डा पहुंची, तो वान ने डिन को घर के अंदर रखे फ्रिज में से मांस निकालने भेजा। जब वह मेज़ से दस गज़ की दूरी पर थी, हेंग फिर से ‘जीवित’ हो गया, उसकी नाक फड़कने लगी।
“म्म्म्म, मिल्कशेक!”
“नहीं, हेंग, मिल्कशेक बाद में, अभी तुम्हें मेमने के चॉप मिलेंगे।”
“म्म्म्म, मेमने के चॉप, बढ़िया, अधपके……”
डा मंत्रमुग्ध थी और सब दिमाग़ में बैठा रही थी।
जब वान ने मांस को बारबेक्यू पर रखा, हेंग ने कम होते जा रहे उजाले में अच्छी तरह देखने के लिए अपने चश्मे उतार दिये। उसकी आँखें आग के लाल प्रकाश स्तंभों के जैसी दिख रही थीं, जो बच्चों को डर और दुर्बोधता की वजह से काँपने को मजबूर कर रही थीं।
वहाँ मौजूद कोई भी कहता कि उबलती सब्जियों और पकते मांस की सुगंध लाजवाब थी, लेकिन वह हेंग था, जो सबसे पहले बोला।
“अब मेमने की महक बढ़िया लग रही है! खून को जलाओ मत। हेंग को मांस कम पका हुआ चाहिए….. सब्जियाँ नहीं, महक भयानक है।”
“हाँ, हेंग, मुझे पता है, कम पका, लेकिन कच्चा नहीं। यह अभी कच्चा है, तुम्हें इसे थोड़ा और समय देना चाहिए।”
नहीं, मॅड, मैं ऐसे ही खाऊँगा। इसमें से अभी बहुत अच्छी सुगंध आ रही है, लेकिन हर मिनट महक कम हो रही है। मुझे अपना अभी चाहिए।
“अच्छा, हेंग, जैसा चाहो, वैसा खाओ। क्या तुम्हें अपने चॉप के साथ थोड़ी सब्जियाँ या स्पेघेटी चाहिए?”
“नहीं, सिर्फ मांस, मुझे खरगोश चाहिए, खरगोश का खाना नहीं।”
वान ने दो चॉप आग पर से उतारे, उनमें से एक हेंग के लिए प्लेट पर रखा, और यह उसे दे दिया।
“यह लो, पा, लेकिन यह मुझे अब भी बहुत अधिक खूनी लग रहा है। तुम हमेशा अपना मांस हम लोगों की तरह अच्छी तरह पका कर खाना पसंद करते हो।”
हेंग ने प्लेट ले ली, इसे अपनी नाक के पास ले गया, और सूंघा, उसकी नाक खरगोश की तरह फड़क रही थी। फिर उसने प्लेट अपनी गोद में रख ली, छोटे से चॉप को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और उसे फिर अपनी नाक के पास ले गया।
“बढ़िया।” उसने कहा, “थोड़ा ज़्यादा पक गया है, लेकिन बहुत अच्छा।”
हेंग ने ध्यान नहीं दिया कि जब उसने मांस का एक छोटा सा टुकड़ा काटा और सपने सामने के दांतों से उसे चबा रहा था, तब हर कोई उसकी एक एक हरकत पर नज़र रख रहा था। कम से कम वान को उम्मीद थी कि वह मांस का पूरा एक चक्र एक बार में लेगा। फिर उसने चॉप को एक हाथ से पकड़ा और दूसरे हाथ से इस पर से मांस के छोटे छोटे टुकड़े अलग करने लगा। जब उसे अंदर ज़रा सा खूनी भाग मिला, वह उसे अपने होंठों पर रख कर चूसने लगा।
उसके परिवार ने अत्यधिक आश्चर्य से एक दूसरे को देखा, क्योंकि उसकी लाल और गुलाबी आँखें मांस को एक बाज़ की तरह देख रही थीं।
“क्या कोई परेशानी है?” उसने शीघ्रता से गर्दन को एक ओर झुका कर अपनी बीवी की तरफ देखते हुए पूछा।
“नहीं, हेंग, कोई परेशानी नहीं है। तुम्हें दोबारा ठोस खाना खाते हुए देख कर कितनी खुशी हो रही है, बस। हम तुम्हारे लिए बहुत खुश हैं, बस। है ना, हर कोई?”
“हाँ,” उन सब ने एक स्वर में स्वीकार किया, लेकिन डा की अपनी आशंकाएँ थीं, हालांकि वह उन्हें इस मूल्यवान क्षण में ज़ाहिर नहीं करना चाहती थी।
“बढ़िया! तो फिर ठीक है,” हेंग ने कहा और फिर से स्पष्ट आनंद के साथ अपने खाने में से चुगने लगा।
आधा दर्जन वर्ग इंच मांस के टुकड़ों को समाप्त करने में हेंग को पूरे तीस मिनट लगे, और फिर वह हड़ियों पर टूटा, जिन्हें उसने नोच नोच कर साफ किया, और फिर चूस चूस कर सूखा दिया। दूसरों को अपने स्वयं के खाने पर ध्यान देना बिलकुल असंभव लग रहा था, जिस का परिणाम यह हुआ कि हंडा उबल उबल के सूख गया और मांस कई बार जल गया, तो उनका खाना अधिकतर खराब हो गया, हालांकि खाना बर्बाद न करने की गरज से उन्होंने उसे किसी तरह खा लिया।
जब उसने पहला चॉप समाप्त किया, हेंग ने अपने हाथ के पिछले हिस्से से अपना मुंह पोंछा और फिर उसे चाट कर और चूस कर साफ किया। उसे देख कर कोई भी देखने वाला यही सोचता कि हेंग नज़रबंदी शिविर में केवल रोटी और पानी पर बरसों के एकांत कारावास की सज़ा काट कर वापस आया होगा। उनमें से किसी ने कभी भी किसी को इतने स्पष्ट तौर से अपने खाने को इतना मज़ा ले कर खाते कभी नहीं देखा होगा।
“क्या अब आपको दूसरी चाहिए, पा?” डिन ने पूछा।
हेंग ने अपने कंधों में लिपटी हुई चादर को पकड़ा और खुद को आराम देने के लिए उसको एक झटके से फटकारा और डेन ने प्लेट को उसकी गोद से नीचे गिरने से बचाया।
“हम पहले इसके नीचे जाने का इंतज़ार करेंगे,” हेंग ने कहा, “और फिर थोड़ा और खाएँगे। बहुत बढ़िया खाना। हेंग को बहुत पसंद आया।”
डेन ने अपनी माँ की ओर देखा और वह जानती थी कि उसका अर्थ क्या है। हेंग टूटी-फूटी थाई बोल रहा था और किसी ने कभी उसे इतना बुरा बोलते नहीं सुना था, हालांकि उसकी थाई कभी भी बहुत अच्छी नहीं थी, क्योंकि उसके माता-पिता चीनी थे।
जबकि वे लोग अपने स्वयं के भोजन को समाप्त कर रहे थे, और हेंग फिर से स्थिर हो गया था, उसकी दिशा से एक दबा दबा सा धमाका सुनाई दिया। हर कोई जानता था कि क्या हुआ था, लेकिन विनम्र होने के नाते, सभी ने बहाना किया कि उन्होंने यह नहीं सुना। फिर एक और, और एक भयानक गंध।
केवल वान और डा ने हेंग की ओर देखने की हिम्मत की, जो अपने काले चश्मे के पीछे चौड़ी मुस्कुराहट छिपाए था।
डेन मुंह दबा कर हंसने लगा। पहले चुपचाप, लेकिन वह अपनी हंसी रोक नहीं सका और डिन को उसकी हंसी का संक्रमण लग गया।
“चुप रहो, बच्चों! तुम्हारे पिता का इस पर बस नहीं है। वह बीमार हैं,” वान ने कहा, “ठोस खाना उसमें से सीधे गुज़र गया।”
हालाँकि, डेन और डिन खुद पर नियंत्रण नहीं कर सके। हेंग बस अपने चेहरे पर एक संतुष्ट मुस्कराहट लिए बैठा था। कुछ मिनट बाद भी जब गंध कम नहीं हुई, वान ने डेन से बात की:
“क्या तुम अपने पिता को शौचालय ले जाओगे, डेन, ताकि वे खुद को साफ कर सकें? अगर कुछ परेशानी हो तो सिर्फ चिल्ला देना, मैं उसकी सहायता के लिए आ जाऊँगी।”
“हेंग, अपनी पैंट को गंदे कपड़ों की टोकरी में डाल देना, मैं उन्हें कल छांट लूँगी।”
जब वे चले गए तब वान ने कहा:
“हे भगवान, हे मेरे भगवान, आपने उसे क्या बना दिया है, बुआ डा?”
“अजीब है, है ना? लेकिन हेंग का बर्ताव मुझे एक चिड़िया की याद दिलाता है। मैं बिलकुल यकीन से तो नहीं कह सकती हूँ, लेकिन जैसे वह वहाँ बैठा था, चिड़िया की तरह, और जैसे उसने खाया और फिर खाने के बाद मलत्याग किया…..ऐसा चिड़ियाँ करती हैं – मैं मानती हूँ कि कई जानवर भी करते हैं, लेकिन तुम अपने आँगन में मुर्गियों को देखते हो। मेरे दिमाग से यह नहीं निकल सकता कि वह चॉप खाने के बाद अपनी चादर और चश्मे में वहां बैठा था।”
“तो, आपको नहीं लगता कि वह असंयमी है? मैं अपने बिस्तर को लेकर थोड़ी चिंतित हूं… हमने कुछ हफ्ते पहले ही एक नया गद्दा खरीदा था… यह शर्म की बात होगी, है ना? क्या आपको लगता है कि जब तक हमें यकीन नहीं हो जाता, तब तक उसे खलिहान में रखना सही होगा।”
“नहीं, चिंता मत करो! यहां तक कि पक्षी भी अपने स्वयं के घोंसले को गंदा नहीं करते हैं, हालांकि जब तक कि हम बेहतर नहीं समझते कि क्या हो रहा है… तुम्हें उसे लंगोट पहनाना चाहिए…. या अगर यह जारी रहता है तो डाइपर, लेकिन उन्हें लेने के लिए तुम्हें शहर जाना होगा।”
जब हेंग डेन के साथ वापस लौटा, तो वह थोड़ा पस्त और थोड़ा शर्मिंदा भी दिख रहा था।
“क्या तुम ठीक हो, हेंग?” उसकी पत्नी ने पूछा।
“हाँ, दुर्घटना, चिंता मत करो। कोई समस्या नहीं है। अब आज और नहीं। अब सो जाओ।”
“हाँ, अच्छा विचार है। बुआ डा, उसके मिल्कशेक का क्या?”
“मुझे वास्तव में लगता है कि उसे सोने से पहले थोड़ा पीना चाहिए। अपने नए बिस्तर के बारे में चिंता मत करो, वह इतना जल्दी गंदा नहीं होगा, क्योंकि मुझे नहीं लगता कि वह आज रात करेगा, लेकिन अगर मैं उसके साथ एक घर में रहती होती, तो मैं नहीं चाहती कि वह रात के बीच में उठकर खाने के लिए कुछ ढूंढे।”
“नहीं, आप शायद सही हैं। डेन, बस एक मिनट अपने पिता को टेबल के किनारे पर बैठाओ। डिन, क्या उस मिल्कशेक का एक गिलास ले आओगी, प्लीज़? “
जब उसने वह गुटक लिया और कोई संदिग्ध शोर या बदबू नहीं आई, तो वान ने बच्चों से कहा कि वे अपने पिता को बिस्तर पर ले जाएं।
“मैं जल्द ही आ कर देखूँगी कि क्या वह ठीक है, लेकिन मुझे लगता है कि वह अब सो जाएगा।”
“अच्छा, अच्छा। अच्छा, बुआ डा, क्या करना है, हैं? अब हमें घर में एक पक्षी-मानव मिल गया है! आप उसके बारे में क्या सोचती हैं? “
“अभी मैं यकीन के साथ कुछ नहीं कह सकती, वान, लेकिन तुम जानती हो, तुम्हारा मज़ाक सच के काफी निकट हो सकता है। हम केवल इंतज़ार ही कर सकते हैं।”
“चलो देखते हैं कि क्या वह सर्दियों की शुरुआत में दक्षिण की ओर प्रवास करता है या नहीं।”
वान को यकीन नहीं था कि डा मजाक कर रही थी या सच कह रही थी, इसलिए उसने एक अर्ध-मुस्कुराहट दी जिसकी उसे अगम्य होने की उम्मीद थी, लेकिन वास्तव में वह जानती थी कि यह बुआ डा, ओझा के लिए नहीं थी।
वह चिंतित थी, लेकिन इन परिस्थितियों में कौन न होता?

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